Advertisment

उत्तर प्रदेश सरकार के 4 मंत्रियों से यूं ही नहीं लिए गए इस्तीफे, जानिए पूरा कारण

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार से पहले चार मंत्रियों ने इस्तीफे दे दिए. उनके इस्तीफे की वजह सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बने रहे.

author-image
Yogendra Mishra
New Update
उत्तर प्रदेश सरकार के 4 मंत्रियों से यूं ही नहीं लिए गए इस्तीफे, जानिए पूरा कारण

प्रतीकात्मक फोटो।

Advertisment

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार से पहले चार मंत्रियों ने इस्तीफे दे दिए. उनके इस्तीफे की वजह सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बने रहे. इस्तीफा देने वाले मंत्रियों में वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल, सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री अनुपमा जायसवाल तथा भूतत्व एवं खनिकर्म राज्यमंत्री अर्चना पांडेय शामिल हैं.

यह भी पढ़ें- सैफई में 150 छात्र हो गए गंजे, उनके डर की वजह जान हैरान रह जाएंगे आप

सूत्रों के मुताबिक, राजेश अग्रवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत बहुत दिनों से सुनने को मिल रही थी. आम भाजपाइयों की बात छोड़ भी दी जाए तो केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार की भी पकड़ फिलहाल उनसे ज्यादा नहीं थी. राजेश अग्रवाल के बूथ पर बरेली के सांसद संतोष गंगवार को समाजवादी पार्टी से कम वोट मिले.

यह भी पढ़ें- आजम खान के खिलाफ दायर याचिका पर 4 सितंबर को होगी सुनवाई, जानें क्या है मामला 

इस मुद्दे को संतोष गंगवार ने पार्टी आलाकमान के सामने उठाया था. इसके अलावा अग्रवाल पर डूडा के करोड़ों के टेंडर अपने रिश्तेदारों को दिलाने और विभागीय ट्रांसफर-पोस्टिंग में भ्रष्टाचार के तमाम ऐसे मामले दबी जुबान फिर चर्चा में आ गए, जिनको लेकर वित्त मंत्री रहते हुए राजेश अग्रवाल पर आरोप लगे थे, लेकिन साबित नहीं हो पाए.

यह भी पढ़ें- पीएम नरेंद्र मोदी ने हाईकोर्ट में दाखिल किया जवाब, वाराणसी लोकसभा से निर्वाचन की वैधता को मिली है चुनौती 

सिंचाई विभाग के मंत्री धर्मपाल के विभाग में बढ़े भ्रष्टाचार व तबादलों की शिकायतों ने उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया. इसके अलावा उनके विभाग में दलालों का सक्रिय होना तथा कमीशनखोरी को बढ़ावा भी उनके बाहर जाने की वजह बनी.

यह भी पढ़ें- कैबिनेट का विस्तार: योगी के नए मंत्रियों के बारे में कितना जानते हैं आप 

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री अनुपमा जायसवाल बेसिक शिक्षा अधिकारियों के तबादलों के साथ विभाग में जूते-मोजे, स्वेटर और पाठ्यपुस्तकों के टेंडर को लेकर सरकार की किरकिरी करवाती रही हैं. अनुपमा का विभाग बच्चों को फरवरी तक स्वेटर नहीं वितरित कर पाया. इसके अलावा तबादलों और टेंडर को लेकर अनुपमा का विभाग के अधिकारियों से भी टकराव हुआ.

यह भी पढ़ें- योगी कैबिनेट का विस्तार: मंत्रिमंडल में ब्राह्मण और ओबीसी का दबदबा 

भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग राज्यमंत्री अर्चना पांडेय को सरकार और संगठन के कामकाज की शून्यता उन्हें ले डूबी. बीते दिनों एक न्यूज चैनल की ओर से किए गए स्टिंग ऑपरेशन में अर्चना पांडेय के निजी सचिव पर भी गाज गिरी थी. लोकसभा चुनाव में अर्चना पांडेय के निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा था. उन्हें हटाए जाने की एक वजह इसे भी माना जा रहा है.

यह भी पढ़ें- उत्तरकाशी में बड़े स्तर पर राहत और बचाव कार्य जारी, मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 12 पहुंचा

भाजपा के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने बताया कि अभी और भी लोग मुख्यमंत्री के रडार पर हैं. उन्हें संगठन की मदद करने के कारण बचाया गया है. आगे चलकर उनपर भी गाज गिरनी तय है. संगठन का मानना है कि इतने सारे मंत्री एक साथ इस्तीफा देंगे, तो विपक्ष को मौका मिलेगा. अभी विपक्ष फिलहाल खमोश है.

कुछ ऐसे भी मंत्री हैं, जो अपने कामों में निष्क्रिय हैं, लेकिन उनका विभाग बहुत तेजी के साथ उगाही में लगा हुआ है. उन पर मुख्यमंत्री की नजर वैसे भी टेढ़ी है.

HIGHLIGHTS

  • ट्रांसफर और टेंडर को लेकर कई मंत्रियों में हुआ है टकराव
  • कई और मंत्री ऐसे हैं जिनसे इस्तीफा लिखवाया जा सकता है
  • विपक्ष को मौका न मिले इसके लिए ज्यादा इस्तीफे नहीं लिए जा रहे
latest-news Yogi Adityanath hindi news uttar-pradesh-news yogi adityanath cabinet
Advertisment
Advertisment
Advertisment