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UP New DGP: उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग के नए मुखिया को लेकर चर्चाएं एक बार फिर तेज हो गई हैं। वर्तमान कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार का सेवाकाल इस माह समाप्त हो रहा है, और अभी तक उनकी जगह लेने वाले अधिकारी को लेकर सरकार की ओर से कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को DGP नियुक्ति के लिए कोई प्रस्ताव नहीं भेजा है, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रदेश को एक बार फिर कार्यवाहक डीजीपी से ही संतोष करना पड़ सकता है।
DGP सिलेक्शन मैन्युअल तो बना पर समिति बाकी
पिछले वर्ष राज्य सरकार ने "पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश चयन एवं नियुक्ति नियमावली 2024" (Selection Manuarl 2024) को मंजूरी जरूर दी थी, जो DGP चयन की प्रक्रिया को पारदर्शी और नियमानुसार करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा था। हालांकि उस नियमावली के तहत अब तक चयन समिति का गठन नहीं हो सका है। ऐसे में नियमित डीजीपी की नियुक्ति की संभावना फिलहाल बहुत कमजोर नजर आ रही है।
सेवा विस्तार या कार्यवाहक DGP की राह?
1990 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी प्रशांत कुमार के सेवा विस्तार को लेकर भी अटकलें तेज हैं। यह याद रखना जरूरी है कि वर्ष 2017 में सरकार बनने के बाद सुलखान सिंह को सेवा विस्तार दिया गया था, जो एक नजीर बन सकता है। अगर प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार नहीं दिया जाता है, तो राज्य सरकार के पास 1990 बैच के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों में से किसी को कार्यवाहक डीजीपी बनाने का विकल्प खुलेगा।
कौन-कौन डीजीपी की रेस में शामिल?
पीवी रामाशास्त्री (डीजी जेल) और डॉ. संजय एम. तरडे (डीजी टेलीकॉम) का सेवाकाल भी इसी माह 31 मई को समाप्त हो रहा है, जिससे उनकी उम्मीदों पर विराम लगता दिख रहा है। वहीं, इसी बैच के बीके मौर्य (डीजी होमगार्ड) और एमके बशाल को कार्यवाहक डीजीपी बनने का मौका मिल सकता है।
रेणुका मिश्रा, संदीप सांलुके और दलजीत सिंह चौधरी वरिष्ठता सूची में प्रशांत कुमार से ऊपर हैं, लेकिन अब तक उन्हें लेकर कोई सक्रिय चर्चा नहीं हुई है। ऐसे में हो सकता है उन्हें भी मौका दिया जाए। इसके अलावा तिलोत्तमा वर्मा, जो नवंबर तक सेवावान हैं, भी एक संभावित नाम के रूप में देखी जा रही हैं।
राजीव कृष्ण और आलोक शर्मा भी संभावित नाम
1991 बैच के राजीव कृष्ण (डीजी विजिलेंस) और केंद्र में डीजी एसपीजी के पद पर तैनात आलोक शर्मा को भी अगले पूर्णकालिक डीजीपी के रूप में प्रबल दावेदार माना जा रहा है। दोनों अधिकारी न केवल वरिष्ठ हैं, बल्कि उनका प्रशासनिक अनुभव भी उन्हें इस दौड़ में मजबूत बनाता है।
अब तक 8 DGP बदल चुकी सरकार
योगी सरकार में अब तक आठ डीजीपी बदले जा चुके हैं, जिनमें से सुलखान सिंह, ओपी सिंह, हितेश चंद्र अवस्थी और मुकुल गोयल पूर्णकालिक डीजीपी रहे हैं। जबकि डॉ. देवेंद्र सिंह चौहान, डॉ. आरके विश्वकर्मा, विजय कुमार और प्रशांत कुमार ने कार्यवाहक डीजीपी के रूप में सेवा दी है।