Raja Kolandar: लखनऊ की सीबीआई कोर्ट ने चर्चित अपराधी राजा कोलंदर उर्फ राम निरंजन को एक दोहरे हत्याकांड में दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामला वर्ष 2000 का है, जब राजा कोलंदर ने एक सुनियोजित साजिश के तहत टाटा सूमो बुक कर वाहन के मालिक और ड्राइवर की निर्मम हत्या कर दी थी। कोर्ट ने आरोपी पर 2.5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। आइए जानते हैं आखिर कौन है राजा कोलंदर और क्यों हो रही उसकी एक बार फिर चर्चा.
कौन है राजा कोलंदर
ये शख्स न सिर्फ लोगों की हत्या करता था बल्कि उनकी खोपड़ी का सूप बनाकर पीने के भी इस पर आरोप थे. इस शख्स के नरभख्शी भी कहा जाने लगा. राजा कोलंदर को खोपड़ियों के संग्रह का शौक था. यही नहीं वह तंत्र-मंत्र जैसे अंधविश्वासों में भी भरोसा करता औऱ ऐसे कामों को अंजाम भी देता था. राजा के लिए कहा जाता है कि वह इंसानों की खोपड़ी का इस्तेमाल तंत्र-मंत्र करने में करता था इस दौरान वह खोपड़ी में लहू निकालर उसे सूप की तरह भी पीता था.
क्यों है राजा कोलंदर सुर्खियों में
राजा कोलंदर के सुर्खियों में होने की वजह है अदालत की ओर से इस नरभख्शी को उम्र कैद की सजा. दरअसल 23 मई 2025 को विशेष न्यायाधीश (सीबीआई/आयुर्वेद प्रकरण) रोहित सिंह ने सनसनीखेज हत्याकांड में राजा कोलंदर के साथ बच्छराज कोल को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
23 जनवरी 2000 की वो काली दोपहर
इस हत्याकांड की शुरुआत 27 जनवरी 2000 को हुई, जब वादी शिव हर्ष सिंह ने लखनऊ के नाका थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. उन्होंने बताया कि उनकी टाटा सूमो गाड़ी (UP 32 Z 2423) को उनका भतीजा मनोज कुमार सिंह और ड्राइवर रवि श्रीवास्तव चला रहे थे.
23 जनवरी को दोनों युवक कुछ सवारियों को लेकर लखनऊ से रीवा (मध्य प्रदेश) के लिए निकले थे. उनमें एक महिला सहित छह लोग शामिल थे। इसके बाद न तो वाहन लौटा और न ही दोनों व्यक्ति। परिजनों ने इन सवारियों को हरचनपुर में नाश्ते के समय देखा था.
मौत की साजिश और शव की बुरी हालत
गुमशुदगी की जांच के दौरान, परिजनों को सूचना मिली कि शंकरगढ़ जंगल (प्रयागराज) में दो अज्ञात शव क्षत-विक्षिप्त अवस्था में मिले हैं. शवों की पहचान मृतक मनोज और रवि के रूप में की गई। 30 जनवरी को शवों का पोस्टमॉर्टम कराया गया.
जांच के दौरान पुलिस ने राजा कोलंदर, उसकी पत्नी फूलन देवी, बेटा (नाबालिग), बच्छराज कोल, दिलीप गुप्ता और दद्दन सिंह कोल के नाम उजागर किए। सभी आरोपी प्रयागराज निवासी और कोल जाति से संबंधित हैं.
पत्रकार की हत्या ने खोले कई राज
दरअसल 19 दिसंबर 2000 को प्रयागराज में पत्रकार धीरेन्द्र प्रताप सिंह के अपहरण और हत्या के मामले में राजा कोलंदर और उसके साथियों की गिरफ्तारी हुई। पुलिस को राजा के पास से मृतक मनोज की टाटा सूमो और रवि का कोट मिला, जिसकी पहचान परिजनों ने की.
इस जांच के दौरान, पुलिस को राजा कोलंदर की संलिप्तता देशभर के कम से कम 10 हत्याकांडों में मिली। उसने हर बार हत्याओं को बेहद क्रूरता से अंजाम दिया और साक्ष्य छुपाने की पूरी कोशिश की.
पहले भी हो चुकी है उम्रकैद की सजा
पत्रकार हत्या मामले में 30 नवंबर 2012 को इलाहाबाद की अदालत ने राजा कोलंदर और बच्छराज कोल को पहले ही उम्रकैद की सजा सुना दी थी। अब लखनऊ सीबीआई कोर्ट के ताजा फैसले ने उसके अपराधों की लंबी फेहरिस्त में एक और अध्याय जोड़ दिया है.
ओटीटी पर चर्चित हुआ कोलंदर का काला चेहरा
राजा कोलंदर के भयानक आपराधिक इतिहास पर नेटफ्लिक्स जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर एक क्राइम डॉक्यूमेंट्री सीरीज भी बनाई गई है, जिसमें उसके अपराध की बारीकियों को उजागर किया गया है। यह बताता है कि कैसे वह वर्षों तक कानून की आंखों में धूल झोंकता रहा.