पीएम मोदी पर जब बरसा दारुल उलूम देवबंद, तो महंत नरेंद्र गिरी ने दिया करारा जवाब

मोदी सरकार द्वारा फ्रांस का समर्थन किए जाने को लेकर दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मौलाना मुफ़्ती अबुल कासिम नोमानी बनारसी की ओर से जारी किए गए लिखित बयान पर साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कड़ा ऐतराज जताया है.

मोदी सरकार द्वारा फ्रांस का समर्थन किए जाने को लेकर दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मौलाना मुफ़्ती अबुल कासिम नोमानी बनारसी की ओर से जारी किए गए लिखित बयान पर साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कड़ा ऐतराज जताया है.

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nitu pandey
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महंत नरेंद्र गिरी ( Photo Credit : फाइल फोटो)

मोदी सरकार द्वारा फ्रांस का समर्थन किए जाने को लेकर दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मौलाना मुफ़्ती अबुल कासिम नोमानी बनारसी की ओर से जारी किए गए लिखित बयान पर साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कड़ा ऐतराज जताया है.

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अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा है कि फ्रांस से ज्यादा कट्टरवादिता हमारे भारत देश में है. उन्होंने कहा है कि चरमपंथियों और कट्टरपंथियों के खिलाफ फ्रांस सरकार द्वारा की जा रही कार्रवाई का समर्थन कर भारत ने चरमपंथ और कट्टरपंथ के खिलाफ एक अच्छा संदेश दिया है. 

जिनके पेट में दर्द हो रहा है वो पाकिस्तान जा सकते हैं

उन्होंने कहा है कि फ्रांस की कार्रवाई को लेकर भारत के जिन मुसलमानों को पीड़ा हो रही है वे देश छोड़कर पाकिस्तान या कहीं और जा सकते हैं. उन्होंने कहा है कि देश के प्रधानमंत्री द्वारा फ्रांस के समर्थन का कठमुल्लों और मौलवियों को विरोध करने का कोई अधिकार नहीं है.

पीएम का विरोध करना मतलब संविधान का विरोध करना

 महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा है कि प्रधानमंत्री का विरोध करने का मतलब है कि भारत के संविधान का विरोध करना है. उन्होंने कहा है कि पीएम के फ्रांस को समर्थन करने का विरोध करने वाले को मौलवियों के खिलाफ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से सख्त कार्रवाई की भी मांग की है.

दारुल उलूम देवबंद के मौलानाओं के खिलाफ भी देशद्रोह लगना चाहिए

महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा है कि कट्टरपंथियों को देश की विदेश नीति में बोलने का अधिकार नहीं है. महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा है कि इसी तरह से मशहूर शायर मुनव्वर राणा भी धर्मवाद के चक्कर में फंसकर उल्टे सीधे बयान दे रहे हैं. हालांकि उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हो गया है और वे जेल भी जायेंगे.लेकिन दारुल उलूम देवबंद के मौलानाओं के खिलाफ भी देशद्रोह से भी बड़ी धाराओं में कार्रवाई होनी चाहिए.

मोदी सरकार के कदम से 20 करोड़ मुसलमानों की भावनाएं आहत हुई है

गौरतलब है कि विश्व प्रसिद्ध इस्लामिक शिक्षण संस्थान  दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मौलाना मुफ़्ती अबुल कासिम नोमानी बनारसी ने लिखित बयान जारी कर सरकार के प्रति अफसोस जताया है. उन्होंने अपने 

बयान में कहा है कि मोहम्मद साहब की शान में गुस्ताखी बेहद ही निंदनीय है. उन्होंने कहा है कि भारत सरकार के कदम से देश के 20 करोड़ मुसलमानों की भावनाएं आहत हुई है.  भारत विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों का देश है इसलिए भारत सरकार को उदारवादी कदम उठाने चाहिए. 

Source : News Nation Bureau

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