उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आतंकवाद रोधी अभियान के तहत बुधवार तड़के संदिग्ध आतंकी सैफुल्ला को मार गिराया। उत्तर प्रदेश के एडीजी दलजीत चौधरी ने सैफुल्ला के आतंकी संगठन आईएसआएस से जुड़े होने की खबर को खारिज किया है।
दलजीत चौधरी ने कहा, 'सैफुल्ला और उसके साथी ISIS के संपर्क में नहीं थे, ISIS से प्रभावित थे और अपनी पहचान बनाना चाहते थे।' उन्होंने बाहर से फंडिंग की खबर को भी खारिज किया। उन्होंने कहा, 'सैफुल्ला एंड टीम को कहीं बाहर से आर्थिक मदद नहीं मिलती थी, वो स्वयं से अपना खर्चा चलाते थे।'
उधर कानपुर में सैफुल्ला के पिता सरताज ने देशद्रोही बताते हुए अपने बेटे का शव लेने से इनकार कर दिया है। सरताज ने कहा, 'उसने जो किया वह देशहित में नहीं था। हम इस तरह देश से गद्दारी करने वाले का शव नहीं लेंगे। एक देशद्रोही मेरा बेटा नहीं हो सकता। हम भारतीय हैं, हमारा जन्म भारत में हुआ है, हमारे पूर्वजों का भी जन्म भारत में ही हुआ था। इस देश के खिलाफ काम करने वाला इंसान मेरा बेटा नहीं हो सकता।'
लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करेत हुए चौधरी ने कहा कि सैफुल्ला ने सरेंडर नहीं किया इसलिए चलानी पड़ी गोली। पुलिस ने कानपुर, उन्नाव और इटावा में भी संदिग्ध आतंकियों को पकड़ने के लिए छापेमारी की। उन्होंने कहा कि इटावा और कानपुर से लैपटॉप बरामद हुआ है।
पुलिस के मुताबिक, सैफुल्ला के पास से विभिन्न कंपनियों की छह बंदूकें, दो वायरलेस सेट, अलार्म क्लार्क, स्टील पाइप, आईएस का एक झंडा, दो लैपटॉप, बम बनाने के वीडियो, चार चाकू, दो पासपोर्ट और 600 जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं।
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राज्यों की खुफिया एजेंसियों ने मंगलवार को मध्य प्रदेश में रेलगाड़ी में हुए विस्फोट के बाद पुलिस को लखनऊ, कानपुर और इटावा में संदिग्ध आतंकवादियों के होने की जानकारी दी थी। जिसके बाद यूपी एटीएस ने ठाकुरगंज क्षेत्र की हाजी कॉलोनी में दबीश दी जहां सैफुल्ला एक मकान में छिपा था।
घर में छिपे आतंकी ने सुरक्षाबलों ने गोलीबारी शुरू कर दी। जिसके बाद सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू की। यह मुठभेड़ लखनऊ में मंगलवार को शाम चार बजे के आसपास शुरू हुई, 11 से अधिक घंटों तक चली और बुधवार तड़के खत्म हुई।
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पुलिस महानिरीक्षक (स्पेशल टास्क फोर्स) असीम अरुण ने बताया कि इटावा के लाखना से दो, कानपुर से तीन और लखनऊ से एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया है।
एक संदिग्ध फैजल को कानपुर के तिवारीपुर क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है जबकि उसके बड़े भाई इमरान को उन्नाव से गिरफ्तार किया गया है। एटीएस इनसे पूछताछ कर रही है। कानपुर में एटीएस ने दो और लोगों को हिरासत में लिया था जिसे भीड़ ने छुड़ा लिया।
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HIGHLIGHTS
- एडीजी ने कहा, सैफुल्ला और उसके साथी ISIS के संपर्क में नहीं थे
- एडीजी दलजीत चौधरी ने कहा, संदिग्ध ISIS से प्रभावित थे और अपनी पहचान बनाना चाहते थे
- सैफुल्ला एंड टीम को कहीं बाहर से आर्थिक मदद नहीं मिलती थी
Source : News Nation Bureau