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'वक्फ संपत्ति घोटाले में शामिल था विजय माल्या, कांग्रेस के बड़े नेताओं ने बचाने के लिए किया था फोन'

बता दें कि योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश शिया और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की बिक्री, खरीद और ट्रांसफर में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश की है.

Updated on: 13 Oct 2019, 05:26 PM

लखनऊ:

शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड में वक्फ संपत्तियों को औने पौने दाम में बेचने की शिकायतों की जांच सीबीआई करेगी. उत्तर प्रदेश सरकार ने संपत्तियों की खरीद-फरोख्त में अनियमितता की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की है. शिया वक्फ बोर्ड ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है. शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने कहा कि जांच में पूरा सहयोग किया जाएगा. साथ ही वसीम रिजवी ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं पर बड़े आरोप लगाए हैं.

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शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने दावा किया है कि वक्फ प्रॉपर्टी के घोटाले में उद्योगपति और पूर्व सांसद विजय माल्या भी शामिल था, जिसे बचाने के लिए कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने उनको फोन किया था. रिजवी ने आरोप लगाते हुए कहा कि गुलाम नबी आजाद के मोबाइल फोन से राहुल गांधी ने मुझसे बात कर विजय माल्या के खिलाफ शिकायत न करने की सिफारिश की थी.

वसीम रिजवी ने कहा कि शिया वक्फ बोर्ड भ्रष्ट मतवलियों की एक लिस्ट बना रहा है. खुद के जांच के दायरे में आने को लेकर उनका कहना है कि उन्हें सीबीआई जांच का कोई डर नहीं है, क्योंकि वो बेकसूर हैं. इसके साथ ही रिजवी ने यूपी के राज्य मंत्री मोहसिन रजा पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि जांच में गर्दन मंत्री मोहसिन रजा की फंसेगी, जिन्होंने अपने नाना नानी की कब्र भी बेच ली, जो कि वक्फ प्रॉपर्टी थी.

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बता दें कि योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश शिया और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की बिक्री, खरीद और ट्रांसफर में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश की है. गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि कि केंद्र सरकार के कार्मिक, प्रशिक्षण एवं लोक शिकायत मंत्रालय के सचिव और जांच एजेंसी के निदेशक को सीबीआई जांच की सिफारिश संबंधित पत्र पहले ही भेज दिया गया है. अधिकारी के मुताबिक, प्रयागराज के कोतवाली पुलिस थाना और लखनऊ के हजरतगंज पुलिस थाना में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड की संपत्तियों में कथित अनियमितताओं से संबंधित दो अलग प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. प्रयागराज में साल 2016 में और लखनऊ में मार्च 2017 में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी.