आज के दौर में जहां लोगों और नेताओं के भ्रष्टाचार में डूब रहने की खबर आती है वैसे में यूपी के बुंदेलखंड इलाके में एक ग्राम प्रधान ने सिर्फ इसिलए आत्महत्या कर ली क्योंकि शौचालय निर्माण का पैसा सही समय से ग्रामीणों को नहीं मिला पाया. पूरे गांव में अपनी ईमानदारी के लिए चर्चा में रहने वाला ललितपुर जिले के सोजना क्षेत्र के ग्राम प्रधान भारत स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय निर्माण कार्य का पैसा लाभार्थियों के खाते में समय से आने के बाद भी अधूरे निर्माण कार्य को लेकर काफी समय से परेशान चल रहे थे.
आरोप है कि लाभार्थियों की शिकायत के बावजूद अधिकारी उनकी बात को अनसुना कर रहे थे, जिसके चलते गांव में लगने वाली चौपाल को लेकर वह काफी परेशान था. शौचालय निर्माण कार्य को लेकर उसे जेल जाने की चिंता सता रही थी जिसकी वजह से अंत में ग्राम प्रधान ने आत्मघाती कदम उठाते हुए फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
प्रधान की मौत की खबर मिलते ही पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया. जहां परिजन इसे शौचालय निर्माण कार्य को लेकर चल रहे तनाव की वजह से आत्महत्या बता रहे हैं तो वहीं प्रशासन उसकी मौत की वजह बीमारी को बता रहा है. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. साथ ही खुदकुशी के कारणों की भी जांच कर रही है.
बुंदेलखंड के सौजना के ग्राम प्रधान 55 वर्षीय कपूरचंद अहिरवार पिछले कुछ दिनों से तनाव में थे. गुरुवार की रात सामान्य दिनों की तरह वे खाना खाने के बाद सो गए. लेकिन सुबह करीब चार बजे के आसपास प्रधान कपूरचंद को घर के बाहर लगे नीम के पेड़ से लटकते हुए उनकी छोटी बेटी राजकुमारी ने देखा तो शोर मचाया. प्रधान को फंदे से नीचे उतारकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया लेकिन डॉक्टरों ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया. अस्पताल ले जाने के दौरान ही रास्ते में ग्राम प्रधान की मौत हो गई.
Source : News Nation Bureau