New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2020/07/10/vikas-dubey-kanpur-22.jpg)
लखनऊ और कानपुर में छिपे थे विकास दुबे के मददगार( Photo Credit : फाइल फोटो)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
लखनऊ और कानपुर में छिपे थे विकास दुबे के मददगार( Photo Credit : फाइल फोटो)
कानपुर के बिकरू काण्ड के मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के दर्जनों मददगार लखनऊ और कानपुर में थे. इनमें से 22 मददगारों का पूरा ब्योरा एसटीएफ ने ढूंढ़ निकाला है. इनके मोबाइल की कॉल डिटेल भी एसटीएफ ने निकलवा ली है. बिकरू काण्ड के बाद इन मददगारों की भूमिका अभी तक सामने नहीं आयी है. पर, इनके माध्यम से विकास के बारे में कई जानकारियां जुटायी जा रही है. इनमें से ही एक मददगार लखनऊ में खरीदी गई एक सम्पत्ति में गवाह भी है.
एसटीएफ के एक अधिकारी के मुताबिक फरीदाबाद में पकड़े गए विकास के तीन साथियों और उज्जैन से कानपुर के बीच विकास दुबे से हुई पूछताछ में कई नाम सामने आये थे. इस पर ही एसटीएफ और लखनऊ पुलिस की एक टीम ने काम करना शुरू कर दिया था. बताया जाता है कि इनमें दो मददगार अक्सर कृष्णानगर में विकास और उसके भाई दीप प्रकाश के घर मिलने आते थे. दीप प्रकाश की पत्नी अंजलि इनमें से एक मददगार के साथ ही बिकरू गांव तक प्रधानी से जुड़े काम के दस्तावेज पहुंचवाती थी. बताया जाता है कि ये दोनों मददगार एसटीएफ और कृष्णानगर पुलिस के सम्पर्क में हैं. रविवार को इन दोनों से एसटीएफ कार्यालय में पूछताछ भी की जा सकती है. एसटीएफ ने 12 मोबाइल फोन की कॉल डिटेल से भी कई जानकारियां हासिल की हैं.
हर काम के लिए अलग नेटवर्क था विकास का
एसटीएफ का कहना है कि विकास का काम करने का तरीका बिल्कुल अलग था. हर काम के लिए उसका अलग नेटवर्क था. उसी तरह उसने खुद, पत्नी व छोटे भाई की पत्नी के चुनाव जीत जाने के बाद भी काम करने के लिए अलग लोगों की टीम बना रखी थी. ये लोग तहसील, ब्लॉक स्तर का काम देखते थे. जरूरत पड़ने पर लखनऊ व कानपुर तक में अफसरों से सम्पर्क करते थे. ये लोग जब काम नहीं करा पाते थे तो विकास अपनी पहुंच के बूते काम कराता था. इन बिन्दुओं पर भी एसटीएफ काम कर रही है
Source : Anil Yadav