राम मंदिर निर्माण शुरू करने की तिथि और मंदिर के मॉडल को लेकर विश्व हिंदू परिषद राम मंदिर ट्रस्ट पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. विश्व हिंदू परिषद ने मांग की है कि ट्रस्ट अपनी पहली बैठक में ही मंदिर निर्माण करने की तिथि की घोषणा करें. साथ ही 30 साल पहले मंदिर के जिस मॉडल को स्वीकार किया गया था, उसी पर अपनी मुहर लगाएं. राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद केंद्र सरकार ने ट्रस्ट का गठन कर दिया.
यह भी पढ़ें- BJP नेता कपिल मिश्रा बोले- ओवैसी जैसों को कैसे ठीक करना है, गली का बच्चा बच्चा...
अब ट्रस्ट की पहली बैठक 19 फरवरी को दिल्ली में होने वाली है. लिहाजा विश्व हिंदू परिषद ने ट्रस्ट पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. विश्व हिंदू परिषद ने मांग की है कि अब मंदिर निर्माण की डेट की घोषणा में ट्रस्ट देर न करें और 25 मार्च से लेकर 8 अप्रैल के बीच की किसी भी तिथि को तय करें. विहिप का दबाव है कि 2 अप्रैल से यानी रामनवमी के दिन मंदिर का निर्माण शुरू हो जाए. विश्व हिंदू परिषद का साफ कहना है कि मंदिर के लिए 500 वर्षों से हिंदू समाज प्रतीक्षा कर रहा है. अब ट्रस्ट डेट बताने में देर न करें.
यह भी पढ़ें- भारत से ज्यादा PAK को दिल्ली के नतीजों का इंतजार, विदेश मंत्री बोले - हारेगी BJP
मंदिर के मॉडल में भी विश्व हिंदू परिषद किसी भी तरह के बदलाव के लिए तैयार नही है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के तुरंत बाद ही विश्व हिंदू परिषद ने ऐलान कर दिया था कि अयोध्या में उसी तरह का मंदिर बनेगा, जिस मॉडल को 30 साल पहले बनाया गया था और संतों ने भी उस पर अपनी मुहर लगा दी थी. अब ट्रस्ट से भी मांग की है कि मंदिर उसी मॉडल का ही बनना चाहिए जो प्रस्तावित है. इसके पीछे बीएचपी की कई दलील है, विहिप का कहना कि मौजूद मॉडल लोगों के मन में बतौर मंदिर बैठा है.
जिसको बदलना उचित नहीं है. अगर बदलता है तो मंदिर निर्माण में बहुत ज्यादा वक्त लग जाएगा और मौजूद मॉडल के 70 प्रतिशत काम हो रखा है. लिहाजा मंदिर बनाने में बहुत कम वक्त लगेगा. राम मंदिर आंदोलन और उसके कानूनी जंग में विश्व हिंदू परिषद की भूमिका बहुत अहम रही है. लिहाजा विश्व हिंदू परिषद चाहता है कि ट्रस्ट बिना वक्त गवाए तुरंत काम शुरू कर दे. वैसे भी ट्रस्ट के सदस्यों को लेकर अयोध्या के संतों के एक बड़े तबके की नाराजगी सामने आ गई है.