उत्तर प्रदेश के अयोध्या में विवादित स्थल पर केस भले ही कोर्ट में हो लेकिन विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने राम मंदिर निर्माण के लिए जोर-आजमाइश शुरू कर दी है।
वीएचपी ने दो ट्रक पत्थर राम मंदिर कार्यशाला में गिराये हैं। वीएचपी नेता त्रिलोकी नाथ पांडेय ने कहा, 'दो ट्रक पत्थर राजस्थान के भरतपुर से सोमवार को मंगाया गया। पत्थर राम मंदिर बनाने के लिए लाये गये हैं। अभी पत्थरों का आधा काम ही पूरा हुआ है। करीब 100 ट्रक पत्थरों की जरूरत पड़ेगी।'
पांडये ने कहा, 'राज्य में बीजेपी की सरकार है। इसलिए राम मंदिर के निर्माण में ज्यादा समस्या नहीं है।' उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ सालों में मंदिर निर्माण शुरू हो जाएगा।
वहीं बाबरी मस्जिद केस में मुद्दई खालिद अहमद खान ने कहा कि हमें संविधान और सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है। वीएचपी की कार्रवाई से केस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
खान ने कहा, 'जिन लोगों ने पत्थर मंगवाए हैं वो संदेश देना चाहते हैं कि वीएचपी राम मंदिर को लेकर गंभीर है।'
राम मंदिर के निर्माण के लिए पत्थर पहली बार नहीं पहुंचे हैं। इससे पहले साल 2015 में भी ट्रक भेजे गए थे। लेकिन अखिलेश सरकार ने उन ट्रकों को वापस भेज दिया था। अयोध्या के रामघाट स्थित मंदिर निर्माण कार्यशाला में साल 1991-92 से पत्थर तराशे जा रहे हैं।
और पढ़ें: राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की मौजूदगी में 30 जून की आधी रात को संसद के सेंट्रल हॉल से होगा GST का आगाज
वीएचपी नेता शरद शर्मा ने पूर्व की अखिलेश सरकार पर आरोप लगाया कि वाणिज्य कर विभाग का सहारा लेकर उसने राम मंदिर के लिए पत्थरों को अयोध्या लाने पर परोक्ष रूप से रोक लगा दी थी।
Source : News Nation Bureau