वाराणसी को अगले साल तक मिलेगा हेरिटेज म्यूजियम

वाराणसी में अगले साल 100 करोड़ रुपये की लागत से एक भव्य विरासत संग्रहालय बनाया जाएगा. अधिकारियों ने कहा कि यह शहर में पहले से मौजूद कई संग्रहालयों के अतिरिक्त होगा. यूपी पर्यटन की उप निदेशक प्रीति श्रीवास्तव ने कहा, विरासत संग्रहालय न केवल लोगों को काशी के इतिहास में झांकने का मौका देगा, बल्कि इसकी समृद्ध परंपरा और संस्कृति को भी प्रदर्शित करेगा.

वाराणसी में अगले साल 100 करोड़ रुपये की लागत से एक भव्य विरासत संग्रहालय बनाया जाएगा. अधिकारियों ने कहा कि यह शहर में पहले से मौजूद कई संग्रहालयों के अतिरिक्त होगा. यूपी पर्यटन की उप निदेशक प्रीति श्रीवास्तव ने कहा, विरासत संग्रहालय न केवल लोगों को काशी के इतिहास में झांकने का मौका देगा, बल्कि इसकी समृद्ध परंपरा और संस्कृति को भी प्रदर्शित करेगा.

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : Twitter )

वाराणसी में अगले साल 100 करोड़ रुपये की लागत से एक भव्य विरासत संग्रहालय बनाया जाएगा. अधिकारियों ने कहा कि यह शहर में पहले से मौजूद कई संग्रहालयों के अतिरिक्त होगा. यूपी पर्यटन की उप निदेशक प्रीति श्रीवास्तव ने कहा, विरासत संग्रहालय न केवल लोगों को काशी के इतिहास में झांकने का मौका देगा, बल्कि इसकी समृद्ध परंपरा और संस्कृति को भी प्रदर्शित करेगा.

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उन्होंने कहा, अगर सब ठीक रहा तो अगले साल तक विरासत संग्रहालय तैयार हो जाएगा. यह काशी की समृद्ध परंपराओं और संस्कृति को उजागर करेगा और लोगों को इसके इतिहास और गौरवशाली अतीत के बारे में शिक्षित करेगा. इसको बनाने के लिए पर्यटन विभाग वाराणसी में एक उपयुक्त प्राचीन हवेली की तलाश कर रहा है.

अधिकारियों ने कहा, प्रस्तावित संग्रहालय वास्तुकला, विरासत, दस्तावेजों, सभ्यताओं के महत्वपूर्ण तथ्यों, प्राचीन मंदिरों के इतिहास और अन्य को प्रदर्शित करेगा. यह एक अत्याधुनिक संग्रहालय होगा जिसे, आगंतुकों को एक आभासी अनुभव देने के लिए डिजाइन किया जाएगा और इसमें एक ऑडियो विजुअल सेक्शन भी होगा.

गौरतलब है कि वाराणसी में कई संग्रहालय हैं. इनमें रामनगर फोर्ट संग्रहालय में भारत कला भवन, गंगा नदी के तट पर रामनगर किले के अंदर स्थित एक अन्य संग्रहालय है, जो महाराजाओं के काल की कलाकृतियों को उजागर करता है. हस्तकला संकुल, एक शिल्प संग्रहालय है जो काशी के हस्तशिल्प के इतिहास को प्रदर्शित करता है. आभासी अनुभवात्मक संग्रहालय, मान महल में स्थित एक अन्य संग्रहालय अद्वितीय है, जो डिजिटल पद्धति में चीजों को प्रदर्शित करता है.

फिर सारनाथ में स्थित सारनाथ संग्रहालय है, जिसमें तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से बारहवीं शताब्दी ईस्वी तक की 6 हजार से अधिक प्राचीन वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है. एक काशी धाम संग्रहालय, सांस्कृतिक ज्ञान का एक अन्य स्रोत और एक लाल बहादुर शास्त्री परिवार गृह संग्रहालय भी है, जो पूर्व प्रधान मंत्री का घर है और अब एक संग्रहालय में परिवर्तित हो गया है.

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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