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वाराणसीः इस अस्पताल कैंसर का तिब्बती पद्धति से होगा इलाज, PM करेंगे लोकार्पण

पीएम मोदी जब से वाराणसी के सांसद बने हैं तब से उन्होंने अनगिनत तोहफे काशी को दिए हैं, जिसका फायदा पूरे देश को मिलता है. अब असाध्य रोगों के चिकित्सा के क्षेत्र में एक अनोखा तोहफा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिया जा रहा है.

Updated on: 08 Sep 2022, 11:50 AM

नई दिल्ली:

पीएम मोदी जब से वाराणसी के सांसद बने हैं तब से उन्होंने अनगिनत तोहफे काशी को दिए हैं, जिसका फायदा पूरे देश को मिलता है. अब असाध्य रोगों के चिकित्सा के क्षेत्र में एक अनोखा तोहफा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिया जा रहा है. जिसके तहत भगवान बुद्ध की पहली उपदेश स्थली सारनाथ में तिब्बती पद्धति से इलाज करने के लिए सौ रोगपा अस्पताल का विस्तारीकरण 100 करोड़ की लागत से किया जा रहा है. न सिर्फ यहां इलाज होगा बल्कि इस पद्धति की शिक्षा भी दी जाएगी और रिसच भी होगा खुद पीएम करेंगे इसका लोकार्पण।

आज के युग में बहुत से ऐसे लोग हैं जिनका इलाज अभी तक पूरी तरह से संभव नहीं है जिन्हें असाध्य रोगों की श्रेणी में रखा गया है. चाहे वो अर्थराइटिस हो या फिर कैंसर अब काशी में इस तरह के असाध्य रोगों का इलाज पति पद्धति से होगा. आयुर्वेद से मिलती-जुलती इस पद्धति से माना जाता है क्या छात्रों को ठीक किया सकता है वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि जिसके लिए लगभग सौ करोड़ की लागत से वाराणसी के सारनाथ तिब्बती विश्वविद्यालय के प्रांगण में सोवा रिग्पा अस्पताल का विस्तारीकरण किया जा रहा है. 9 मंजिला इस अस्पताल का निर्माण 19,404 स्क्वायर मीटर जमीन में हो रहा है. 100 बेड के इस अस्पताल में इलाज के साथ इस पद्धति की शिक्षा और शोध का भी कार्य होगा।

इस तिब्बती पद्धति के अस्पताल में हेलीपेड की व्यवस्था के साथ एक आधुनिक ऑडिटोरियम के साथ टीचिंग और रिसर्च और मरीजों का इलाज करने वाला एकमात्र अस्पताल होगा. केंद्रीय उच्च तिब्बती संस्थान के कुलसचिव हिमांशु पांडेय ने हमे बताया कि इस पद्धति को आयुर्वेद की तरफ माना गया है. इससे सभी असाध्य रोग ठीक हो सकते है जैसे कैंसर और अर्थराइटिस जैसी बिमरिया शामिल है. इसके साथ ही इस पद्धति से इलाज से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है और अब सरकार इतना बड़ा अस्पताल बनाकर इसका फायदा सभी को मिल सके इसके लिए इतना बड़ा अस्पताल तैयार करवा रही है. जिससे देश भर से लोग यहां इलाज करवा कर स्वास्थ लाभ ले पाएंगे और इसका लोकार्पण खुद पीएम मोदी करेंगे ।

इस अस्पताल के बन जाने से लगभग एक हजार से अधिक लोगो को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल पाएगा स्थानीय लोग भी मानते है की जो बीमारियां एलोपैथ से ठीक नहीं हो पा रही है या फिर उसका साइड इफेक्ट ज्यादा हो रहा है ऐसे में इस पद्धति से इलाज होने से लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिलेगा और हम भी यही आशा कर रहे हैं।
मार्च 2019 में इस अस्पताल का निर्माण शुरू हुआ था और अब जल्द ही यह पूरी तरीके से तैयार हो जाएगा और जिससे न सिर्फ असाध्य रोगों की से मुक्ति मिलेगी बल्कि इससे आम जनमानस को बहुत बड़ा फायदा होगा।