वाराणसी निगम चुनाव: बेनियाबाग वार्ड की पहचान अब आदिविश्वेश्वर महादेव के नाम

परिसीमन के बाद काशी में कई वार्डों का अस्तित्व खत्म हो गया है, तो कई वार्डों का नए सिरे से परिसीमन किया गया है. नए नाम में आदिविश्वेश्वर और बिंदु माधव नाम सभी के लिए जिज्ञासा का सवाल भी बन रहा है. इसके अलावा ओमकालेश्वर और कृतिवाशेश्वर...

परिसीमन के बाद काशी में कई वार्डों का अस्तित्व खत्म हो गया है, तो कई वार्डों का नए सिरे से परिसीमन किया गया है. नए नाम में आदिविश्वेश्वर और बिंदु माधव नाम सभी के लिए जिज्ञासा का सवाल भी बन रहा है. इसके अलावा ओमकालेश्वर और कृतिवाशेश्वर...

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Shravan Shukla
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Varanasi

Varanasi( Photo Credit : Representative Pic)

Name Chnage Politics in Varanasi: उत्तर प्रदेश ही नहीं, पूरे देश में शहरों के नाम बदले गए. लेकिन वाराणसी नगर निगम में वार्डों के नाम कुछ इस तरह से बदल दिए गए हैं कि उसपर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है. दरअसल, काशी में नगर निगम चुनाव से पहले परिसीमन की प्रक्रिया पूरी की गई है. इसमें कई पुराने वार्ड खत्म कर दिये गए हैं, तो कुछ के नाम बदल दिये गए हैं. काशी में इस समय सबसे ज्यादा ज्यादा चर्चा आदिविश्वेश्वर के नाम की है. चूंकि मामला ज्ञानवापी के अंदर आदिविश्वेश्वर के मिलने के बाद गर्माया हुआ है और कोर्ट कचहरी के चक्कर लग रहे हैं. ऐसे में उस वार्ड का नाम बेनियाबाद से बदल कर आदिविश्वेश्वर कर देने की वजह से राजनीतिक पारा चढ़ गया है.

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परिसीमन ने बदला खेल!

दरअसल, परिसीमन के बाद काशी में कई वार्डों का अस्तित्व खत्म हो गया है, तो कई वार्डों का नए सिरे से परिसीमन किया गया है. नए नाम में आदिविश्वेश्वर और बिंदु माधव नाम सभी के लिए जिज्ञासा का सवाल भी बन रहा है. इसके अलावा ओमकालेश्वर और कृतिवाशेश्वर के नाम से भी वार्डों का नामकरण किया गया है. आदिविश्वेश्वर का मामला कोर्ट में है, तो बिंदु माधव का मामला भी कोर्ट में चल रहा है. ऐसे में इनकों नामों पर वार्ड के नाम रखे जाने को विपक्ष पचा नहीं पा रहा है. सपा-कांग्रेस जहां इसका विरोध कर रहे हैं, तो नगर निगम में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी विरोध करने वालों का विरोध कर रही है. वहीं, आम लोग मिली जुली प्रतिक्रिया दे रही है.

विपक्ष ने बोला सत्ताधारी पार्टी पर हमला

सपा एमएलसी आशितोष श्रीवास्तव का कहना है कि बीजेपी के लोग नाम बदलने के नाम पर आम लोगों को बांट रहें है. लेकिन इनकी ये कोशिश इस बार काम नही आयेगी. वहीं, कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि बीजेपी को नाम बदलने की जगह हालात बदलने पर काम करना चाहिए. उन्होंने इलाके की समस्याओं को गिनाया. और कहा कि जनता इनका हर खेल समझ चुकी है, ऐसे में वो सबक जरूर सिखाएगी.

मुगलों के समर्थक कर रहे विरोध

इस मामले पर बीजेपी की नेता और वाराणसी की मेयर मृदुला जायसवाल का कहना है कि पीएम मोदी जी और सीएम योगी जी सनातन धर्म की पुरानी पहचान और नामों को बदल कर लौटा रहे हैं. इससे हमारी पुरानी पहचान लौट रही है, जो कि गलत नहीं है. इसका विरोध वही लोग कर रहे हैं, जो मुगलों के साथ है. बता दें कि आदिविश्वेश्वर और बिंदु माधव का नाम वाराणसी जिला अदालतों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में चल रहे हैं. ज्ञानवापी के मुद्दे से सभी परिचित हैं, लेकिन पंचगंगा घाट पर स्थित धौरहरा मस्जिद का मामला भी अदालत में है. दावा है कि मस्जिद के भीतर ही बिंदु माधव का मूल स्थान है. जिसकी सुनवाई वाराणसी की अदालत में लंबित है. ऐसे में नए वार्डों का नाम आदिविश्वश्वेर और बिंदु माधव रखना लोगों के बीच चर्चा का विषय जरूर है. 

HIGHLIGHTS

  • वाराणसी निगम चुनाव को लेकर हलचल
  • वार्डों के नाम बदले जाने से विवाद
  • आदिविश्वेश्वर के नाम से जाना जाएगा बेनियाबाद वॉर्ड

Source : Sushant Mukherjee

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