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Kashi Vishwanath Temple
बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी में दिन-ब-दिन पर्यटकों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है. पिछले साल 2024 में काशी में 12 करोड़ से अधिक पर्यटक अयोध्या आए थे. 2025 में आंकड़ा और अधिक हो गया है. पिछले आठ महीने में 14 करोड़ से अधिक पर्यटक काशी आ चुके हैं. काशी में पर्यटकों का रिकॉर्ड टूट गया है. पर्यटन के कारोबार को अच्छा मुनाफा हुआ है. उम्मीद है कि अभी पर्यटकों की संख्या और बढ़ेगी क्योंकि अगल महीने दिवाली और देव दिवाली आने वाली है.
योगी सरकार की नीतियों का कमाल
एक्सपर्टस का कहना है कि काशी में इतने पर्यटकों का आना इस बात का सबूत है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पहले ही करोड़ों लोगों के स्वागत की तैयारी कर चुकी थी. सीएम योगी की दूरदृष्टि वाली नीतियों ने काशी को देश का एक अहम टूरिस्ट सेंटर बना दिया है, जहां सिर्फ देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर से लोग आ रहे हैं.
संयुक्त निदेशक पर्यटन दिनेश कुमार की मानें तो पर्यटन के लिहाज से काशी एक बड़ा पर्यटन केंद्र बन चुका है, जिसका उदाहरण है आठ माह में 14 करोड़ से अधिक यात्रियों का काशी आना. खास बात है कि यहां मौजूद चार धरोहरों को यूनेस्को ने अपनी लिस्ट में शामिल कर लिया है.
काशी में इन टूरिज्म का भी क्रेज
काशी अब सिर्फ रिलिजियस टूरिज्म का गढ़ नहीं है, बल्कि काशी अब मेडिटेशन टूरिज्म, वॉटर टूरिज्म, पॉलिटिकल टूरिज्म और पॉलिटिकल टूरिज्म का भी गढ़ बनता जा रहा है.
यूनेस्को की लिस्ट में शामिल हुए ये धरोहर
काशी उत्तर प्रदेश का पहला शहर है, जिसकी चार विरासतों को यूनेस्को ने अपनी धरोहरों वाली लिस्ट में शामिल किया है. वाराणसी स्थित सारनाथ, बनारस का रिवरफ्रंट, बनारस की रामलीला और बुनाई का क्लस्टर विश्व धरोहरों की की सूची में शामिल है.
अब देखें पिछले पांच साल के आंकड़े
2019 में 68 लाख लाख पर्यटक काशी आए थे. कोरोना के बाद 2021 में 30 लाख लोग यहां आए थे. 2022 में सात करोड़ से अधिक पर्यटक काशी पहुंचे थे. इसके बाद 2023 में आठ करोड़ तो 2024 में 11 करोड़ टूरिस्ट काशी आए थे. काशी-अयोध्या ने उत्तर प्रदेश के टूरिज्म सेक्टर ने बड़ा बदलाव किया है. 2023-24 में 48 करोड़ लोग उत्तर प्रदेश आए थे तो वहीं 2024 में 65 करोड़ लोग उत्तर प्रदेश पहुंचे.