सिंगल ब्रेन स्कैन में ही 'स्टेटव्यूअर' 9 प्रकार के डिमेंशिया का लगाएगा पता
88 प्रतिशत ग्लोबल फर्मों के पास अब डेडिकेटेड एआई बजट, इंटेलिजेंट एजेंट पर केंद्रित ध्यान : रिपोर्ट
अभिनेता धनुष मेरी रचनात्मकता के आड़े नहीं आए: निर्देशक वेट्री मारन
झारखंड के भोगनाडीह में 'हूल दिवस' पर लाठीचार्ज, भाजपा बोली- अंग्रेजी हुकूमत की बर्बरता दोहराई गई
पाक कलाकार को लेकर विवाद, नसीरुद्दीन शाह बोले, 'कास्टिंग का जिम्मेदार दिलजीत नहीं, डायरेक्टर'
अर्जित ज्ञान का विस्तार समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल
डब्ल्यूसीएल 2025: ऑस्ट्रेलिया चैंपियंस की टीम में ब्रेट ली, क्रिस लिन और शॉन मार्श
अगर हिंदी थोपने के फैसले को वापस नहीं लेती सरकार तो 5 जलाई को दिखती एकता : उद्धव ठाकरे
इंफ्रास्ट्रक्चर और डिफेंस से लेकर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और क्लीन एनर्जी तक, स्टील उभरते भारत का आधार : पीएमओ

यूपी के गाजीपुर में पीएम मोदी के ’सपने’ को तोड़ने की गई कोशिश, हाईकोर्ट ने दिया ये आदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो पूरे भारत को स्वच्छ देखना चाहते हैं और इसी सपने को सच करने के लिए ‘स्वच्छ भारत मिशन’ योजना के तहत पूरे भारत में शौचालय निर्माण के अरबों रुपए दिए गये.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो पूरे भारत को स्वच्छ देखना चाहते हैं और इसी सपने को सच करने के लिए ‘स्वच्छ भारत मिशन’ योजना के तहत पूरे भारत में शौचालय निर्माण के अरबों रुपए दिए गये.

author-image
nitu pandey
एडिट
New Update
यूपी के गाजीपुर में पीएम मोदी के ’सपने’ को तोड़ने की गई कोशिश, हाईकोर्ट ने दिया ये आदेश

प्रतिकात्मक फोटो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो पूरे भारत को स्वच्छ देखना चाहते हैं और इसी सपने को सच करने के लिए ‘स्वच्छ भारत मिशन’ योजना के तहत पूरे भारत में शौचालय निर्माण के अरबों रुपए दिए गये. लेकिन विभागीय अधिकारी किस तरह पीएम मोदी के सपने को पूरा करने में रुकावट बन रहे हैं इसका उदाहरण यूपी के गाजीपुर जनपद में देखने को मिल सकता है. गाजीपुर के बाराचवर ब्लॉक के भीखम अमहट गांव में शौचालय निर्माण के लिए बजट आया हुआ था, लेकिन ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी ने मिलीभगत कर जिन लोगों ने पहले से अपने घरों में शौचालय बना रखा था उसी शौचालयों की रंगाई कराकर उसपर इज्जत घर लिखवाकर बजट में आए रुपयों का घोटाला कर लिया गया.

Advertisment

इस बात की लिखित शिकायत जब विभागीय अधिकारियों के साथ जिला अधिकारी को किया गया एक जांच टीम बनाई गई. 27 अगस्त को जांच टीम बनाई गई. जिसमें जिला विकलांग कल्याण अधिकारी और सहायक अभियंता नलकूप खंड सेकंड की एक टीम बनाई गई. जिसे 30 दिन के अंदर जांच रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया. लेकिन एसआईटी टीम बनने के 50 दिन बाद भी कोई जांच टीम जब गांव में नहीं पहुंची तब ग्रामीणों ने एक याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल किया जिसमें पूरी बात बताई गई.

और पढ़ें : सीएम योगी के मंत्री का आरोप, बुलंदशहर VHP, बजरंग दल और आरएसएस की सुनियोजित साजिश का हिस्सा

जिस पर नाराज़ होते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि जांच अधिकारी 30 दिन के अंदर जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी गाजीपुर के समक्ष प्रस्तुत करें तथा जिलाधिकारी गाजीपुर उस पर नियमानुसार कार्रवाई करें.

जांच टीम कुछ दिन पहले गांव पहुंचकर शौचालय में हुए घोटाले की बारीकी से जांच करना शुरू कर दिया है. हालांकि इस दौरान ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी के द्वारा वर्गलाने की भी कोशिश की गई. जब इस मामले में जिला अधिकारी गाजीपुर के बालाजी से जानना चाह तो उन्होंने बताया कि इस मामला के जांच की जा रही है रिपोर्ट आते ही उचित कार्रवाई की जाएगी.

Source : News Nation Bureau

clean india mission Toilets scam
      
Advertisment