उत्तरप्रदेश: योगी सरकार और शिक्षामित्रों के बीच टकराव जारी, रविवार को लखनऊ मार्च का ऐलान

उत्तरप्रदेश में योगी सरकार और शिक्षामित्रों के बीच टकराव जारी है। बीएसए कार्यालय परिसर में शनिवार से शिक्षामित्रों ने सत्याग्रह शुरू कर दिया है।

उत्तरप्रदेश में योगी सरकार और शिक्षामित्रों के बीच टकराव जारी है। बीएसए कार्यालय परिसर में शनिवार से शिक्षामित्रों ने सत्याग्रह शुरू कर दिया है।

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vineet kumar1
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उत्तरप्रदेश: योगी सरकार और शिक्षामित्रों के बीच टकराव जारी, रविवार को लखनऊ मार्च का ऐलान

योगी सरकार और शिक्षामित्रों के बीच टकराव जारी

उत्तरप्रदेश में योगी सरकार और शिक्षामित्रों के बीच टकराव जारी है। बीएसए कार्यालय परिसर में शनिवार से शिक्षामित्रों ने सत्याग्रह शुरू कर दिया है।

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इसी के साथ अपना हक मांगने के लिए रविवार को लखनऊ मार्च का ऐलान किया है। संयुक्त मोर्चा के उपाध्यक्ष त्रिभुवन सिंह ने कहा, 'सोमवार को शिक्षामित्र लखनऊ में एकत्र होकर सरकार से अपना हक मागेंगे।'

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट से समायोजन रद्द होने के बाद और सरकार के साथ बातचीत विफल होने के बाद यूपी के शिक्षामित्रों ने गुरुवार को फिर से आंदोलन शुरू कर दिया है। 

सरकार के खिलाफ नाराज़गी जताते हुए शिक्षामित्रों ने उनके खिलाफ साजिश रचने के आरोप लगाए। उन्होने कहा, 'सरकार शिक्षा मित्रों को बांटने का काम कर रही है। अब कोई भी वार्ता 1,37,000 पदों के लिए नहीं होगी बल्कि 1,72,000 पदों के लिए होगी।'

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संयुक्त मोर्चा के उपाध्यक्ष त्रिभुवन सिंह ने बताया कि अब वे लखनऊ कूच की तैयारियां कर रहे हैं। इससे पहले प्राथमिक शिक्षा मित्र संयुक्त संघर्ष मोर्चा के सदस्यों ने सरकार द्वारा मांगें पूरी नहीं होने पर शुक्रवार को दूसरे दिन भी आंदोलन जारी रखा।

इस दौरान शिक्षा मित्रों ने चेताया कि अगर सरकार द्वारा उनके हितों को संरक्षण देते हुए जल्द से जल्द ठोस निर्णय नहीं लेती है तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

मार्च के दौरान बड़ी संख्या में मौजूद शिक्षामित्रों ने हुंकार भरते हुए केंद्र और प्रशासन के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी की। आंदोलन के दौरान संगठन के पदाधिकारी समेत हजारों शिक्षामित्रों ने अपनी मांगे बुलंद कीं।

शिक्षा मित्रों की मांगे

  • अध्यादेश लाकर 1,72,000 शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाया जाए।
  • सरकार सुप्रीम कोर्ट में पुर्नविचार याचिका शीघ्र दाखिल करे।
  • सरकारी कानून बनाकर सम्मान जनक वेतन प्रदान करें।
  • इच्छामृत्यु मंजूर है, लेकिन शिक्षामित्र पद मंजूर नहीं है।

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Source : News Nation Bureau

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