/newsnation/media/media_files/2025/04/21/dKBbGchpFcrH8JT9Pcfu.jpg)
महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी (social media)
महानिदेशक सूचना एवं उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी के अनुसार, एआई के दौर में भी मानवता को बनाए रखना चाहिए. तकनीकी दौर में सभी को अपनी जिम्मेदारी समझना चाहिए. राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस के अनुसार, सोमवार को देहरादून में पब्लिक रिलेशन सोसायटी आफ इंडिया के देहरादून चैप्टर की ओर से एक कार्यशाला का आयोजन किया. कार्यकाशाला का विषय ‘रिसपॉन्सिबल यूज ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस: रोल ऑफ पब्लिक रिलेशन’ रखा गया है.
संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित किया गया
कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य अतिथि महानिदेशक सूचना एवं उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी, संयुक्त निदेशक सूचना डॉ. नितिन उपाध्याय, बद्रीकेदार मंदिर समिति के सीईओ विजय थपलियाल,अध्यक्ष पीआरएसआई देहरादून चैप्टर रवि विजारनिया की ओर से संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित किया गया. बंशीधर तिवारी के अनुसार, 'आज के तकनीकी दौर में हम सभी अपनी जिम्मेदारी समझें. उन्होंने कहा कि एआई (AI) तकनीक का वर्तमान वक्त में जिस प्रकार से तेजी से विकास हो रहा है. उसमें हम सभी की जिम्मेदारी बन जाती है कि हम मनुष्यता की भावना को सर्वोपरि रखे. एआई तकनीक के उपयोग से समय की बचत होगी. उस वक्त का उपयोग हम किस प्रकार से करते हैं, यह भी हम सभी को समझना होगा.'
/newsnation/media/media_files/2025/04/21/yPYbQBQWb0RdYFoRd5pm.jpg)
अधिक जागरूकता की जरूरत है
उन्होंने कहा, 'सोशल मीडिया के साथ परिवार एवं समाज से भी जुड़े रहें. किसी भी प्रकार की सूचना को आगे बढ़ाने या भेजने से पहले बार विचार जरूर करना होगा कि जानकारी सही है या गलत. कोई भी गलत सूचना एक बार जारी हो जाती है तो उसका प्रभाव व्यक्ति एवं समाज दोनों को पड़ता है.' उन्होंने कहा, 'एआई से कंटेंट बनाया जा सकता है, लेकिन उसमें खुद के विचारों और अनुभवों का समावेश जरूरी है. एआई का जिम्मेदारी से उपयोग, हम सभी का कर्तव्य है और इस बारे में अधिक से अधिक जागरूकता की जरूरत है.
इस कार्यक्रम में विशेष अतिथि संयुक्त निदेशक सूचना डॉ. नितिन उपाध्याय ने कहा, 'जब भी नई तकनीक आती है, तो उसकी अपनी चुनौतियां होती हैं. साथ ही नए अवसर और नई संभावनाएं भी बनती हैं. जब सभी जगह एआई की होड़ लगी है, तब हमें यह तय करना होगा कि एआई का किस सीमा तक उपयोग किया जा सकता है. हमें सोचना होगा कि हम पूरी तरह से एआई पर ही निर्भर न हो जाएं. हमें अपनी क्षमता को बनाए रखना है. जनसंपर्क के क्षेत्र में एआई केवल सहयोगी की भूमिका तक ही सीमित रहे. एआई से होने वाले लाभ एवं दुष्परिणाम के संबंध में जनजागरूकता करने की आवश्यकता है.'