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चमोली में ग्लेशियर टूटने के बाद पड़ोसी राज्य मेरठ में भी हाई अलर्ट, गंगा किनारे बसे गांव को खाली कराने का आदेश

उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने की वजह से भारी तबाही मची हुई है. पूरे उत्तराखंड में भय का माहौल है. वहीं प्रशासन ने इस आपदा के बाद अलर्ट जारी कर दिया है. चमोली में ग्लेशियर टूटने के बाद उत्तराखंड के आसापस के राज्य भी अलर्ट हो गई है.

Updated on: 08 Feb 2021, 03:48 PM

highlights

  • चमोली में ग्लेशियर फटने के बाद आई बाढ़ में 150 लोग लापता
  • उत्तराखंड के पड़ोसी राज्यों में भी हुई अलर्ट
  • मेरठ में हाई अलर्ट जारी, गंगा किनारे के गांवों को खाली कराने की तैयारी

मेरठ:

उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने (Uttarakhand Glacier Burst ) की वजह से भारी तबाही मची हुई है. पूरे उत्तराखंड में भय का माहौल है. वहीं प्रशासन ने इस आपदा के बाद अलर्ट जारी कर दिया है. चमोली में ग्लेशियर टूटने के बाद उत्तराखंड के आसापस के राज्य भी अलर्ट हो गई है.  गंगा नदी किनारे बसे जिलों को अलर्ट कर विशेष सावधानी बरती जा रही है. मेरठ में भी हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. जिले के नीचले इलाके के गांवों को खाली कराने का आदेश दे दिया गया है. यहां रहने वाले लोगों को शासकीय आवासों और भवनों में भेजने की तैयारी की जा रही है.

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खबरों के मुताबिक, मेरठ से गुजरने वाली गंगा नदी में दो से तीन लाख क्यूसेक पानी बढ़ सकता है. प्रशासन अधिकारियों ने दावा किया है कि बाढ़ की स्थिती बनती है तो प्रशासन हर स्तर पर निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. जानकारी के अनुसार, जिलाधिकारी के निर्देश पर सिंचाई विभाग के अधिकारी पीके जैन अपनी टीम के साथ बाढ़ से निपटने के लिए गंगा किनारे पहुंच चुके हैं. यहां पर पूरी निगरानी की जा रही है. 

चमोली जिले के जोशीमठ क्षेत्र के रेणी गांव में रविवार को एक ग्लेशियर के फटने के बाद आई बाढ़ में लगभग 150 लोग लापता हो गए हैं या 'मृत' होने की आशंका जताई जा रही है. आईटीबीपी के जवान वहां बचाव और राहत कार्यों में लगे हुए हैं. स्थानीय प्रशासन से प्राप्त हालिया जानकारी का हवाला देते हुए, आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक पांडे ने बताया कि घटनास्थल से अब तक कम से कम 10 शव बरामद किए गए हैं, और कई लोगों को बचाया गया है, जबकि अन्य व्यक्तियों के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

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घटनास्थल से प्राप्त अपनी प्रारंभिक जानकारी में, आईटीबीपी ने एक बयान के माध्यम से कहा था कि 'तपोवन एनटीपीसी कार्यस्थल के इंचार्ज के अनुसार, बैराज में 100 से अधिक मजदूरों और सुरंग में 50 से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवा दी है.. लगभग 150 लोग लापता हैं.'

ऋषिकेश और हरिद्वार में भले ही आपदा का असर महसूस न हो, लेकिन मंदिर नगरों को अलर्ट पर रखा गया है.एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि जिस जगह पर ग्लेशियर टूट कर गिरे, वहां बहुत ज्यादा मानव बसाव नहीं था, लेकिन कई बिजली परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्य में स्थिति का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री से बात की है.