भारत के सेमीकंडक्टर मिशन को यूपी देगा नई गति, 20 हजार वेफर्स प्रति माह की उत्पादन क्षमता

भारत के सेमीकंडक्टर मिशन को यूपी में एक नई गति और दिशा मिलने वाली है. उत्तर प्रदेश को निवेश के लिए सबसे भरोसेमंद राज्य बनाना सरकार की प्राथमिकता है.

भारत के सेमीकंडक्टर मिशन को यूपी में एक नई गति और दिशा मिलने वाली है. उत्तर प्रदेश को निवेश के लिए सबसे भरोसेमंद राज्य बनाना सरकार की प्राथमिकता है.

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Mohit Saxena
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cm yogi Photograph: (ani)

भारत के सेमीकंडक्टर मिशन को उत्तर प्रदेश में एक नई गति और दिशा मिलने जा रही है. सीएम योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश सरकार आत्मनिर्भर और तकनीक आधारित अर्थव्यवस्था का विजन लेकर आगे बढ़ रहा है. इसकी मजबूत झलक एचसीएल और फॉक्सकॉन की संयुक्त ओसैट यूनिट के से धरातल पर आने वाली है. सबसे प्रमुख विशेषता इसकी 20 हजार वेफर्स प्रति माह की उत्पादन क्षमता बताई जाती है. यही क्षमता इस परियोजना को राष्ट्रीय स्तर पर रणनीतिक महत्व देती है. भारत की सेमीकंडक्टर आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है.

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सेमीकंडक्टर स्किल डेवलपमेंट को मिलेगा बढ़ावा

अधिकारियों के अनुसार, जनवरी के मध्य में ग्राउंड ब्रेकिंग सेरिमनी संभावित है. इसके बाद परियोजना पर तेजी से काम शुरू होगा. सीएम योगी आदित्यनाथ लगातार यह कहते रहे हैं कि उत्तर प्रदेश को निवेश के लिए सबसे भरोसेमंद राज्य बनाना सरकार की प्राथमिकता है. बेहतर कानून-व्यवस्था मजबूत इंफ्रास्टक्चर के साथ निवेश के लिए अनुकूल नीतियों का परिणाम है कि एचसीएल और फॉक्सकॉन जैसी वैश्विक कंपनियां राज्य में निवेश को लेकर उत्सुक हैं. इस साझेदारी से तकनीकी विशेषज्ञता सामने आएगी. इसके साथ सेमीकंडक्टर स्किल डेवलपमेंट को    भी बढ़ावा मिल सकेगा. 

प्रोजेक्ट में करीब 3706 करोड़ का निवेश होगा 

यह परियोजना केवल एक औद्योगिक निवेश को लेकर नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश को भविष्य की वैश्विक तकनीक से जोड़ने वाला रणनीतिक कदम की तरह है. एचसीएल ग्रुप की चेयरपर्सन रोशनी नादर मल्होत्रा का कहना है कि  केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में जेवर एयरपोर्ट के पास इस इकाई को स्थापित किया गया. इस प्रोजेक्ट में करीब 3706 करोड़ रुपए का निवेश होगा. इस तरह से उत्तर प्रदेश में पहली सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्टिंग सुविधा मिल पाएगी. इसमें हर माह 20 हजार सिलिकॉन वेफर्स की प्रोसेसिंग की जाएगी. इस दौरान बड़े पैमाने पर सेमीकंडक्टर चिप्स तैयार होंगी.

सैकड़ों से लेकर हजारों माइक्रोचिप्स तैयार होती हैं

सेमीकंडक्टर उद्योग में वेफर को चिप निर्माण की आधारशिला की तरह माना जाता है. एक वेफर से चिप के  आकार और तकनीक के अनुसार,सैकड़ों से लेकर हजारों माइक्रोचिप्स तैयार होती हैं. इस तरह से 20 हजार   वेफर्स की मासिक क्षमता का अर्थ है ​कि यह यूनिट हर माह लाखों से लेकर करोड़ों चिप्स के निर्माण से जुड़ी प्रक्रियाओं को अंजाम दे सकेगा. यह उत्पादन क्षमता भारत में डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स की बढ़ती घरेलू मांग को पूरा करने में निर्णायक होंगे. 

Semiconductor Production Semiconductor Manufacturing Semiconductor Ecosystem
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