राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रविवार को अपने गोरखपुर दो दिवसीय दौरे पर पहुंच चुके है जहां उनका स्वागत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया. इसके बाद शाम 5 बजे उनका काफिला गोरखपुर एयरपोर्ट से सर्किट हाउस के लिए रवाना लिए रवाना हुआ. कोविंद ने शाम 7-8 के बीच गोरखपुर के कुछ गणमान्य लोगों से मुलाकात किया. जहां गीता प्रेस से जुड़े हुए 5 लोग ने राष्ट्रपति को यहां से प्रकाशित होने वाली भगवत गीता और अन्य धार्मिक पुस्तकें भेंट किया.
राष्ट्रपति कोविंद कल सुबह 9.30 बजे गोरक्षपीठ के लिए रवाना होंगे. बता दें कि रामनाथ कोविंद का बतौर राष्ट्रपति ये उनका पहला दौरा है. राष्ट्रपति होने से पहले वो कई बार गोरखपुर आ चुके है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उनकी पत्नी की सुरक्षा के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं. जमीन पर सेना, पैरामिलिट्री, एटीएस समेत चार हजार से अधिक फोर्स तैनात रहेगी तो आसमान में वायु सेना के हेलीकाप्टर और ड्रोन नजर रखेंगे. सर्किट हाउस वाले मार्ग पर नजर रखने के लिए रामगढ़ताल में स्टीमर पर फोर्स तैनात रहेगी. एयरपोर्ट से लेकर सर्किट हाउस और वहां से गोरखनाथ मंदिर के बीच ऊंची इमारतों पर जगह-जगह स्नाइपर्स पोजिशन संभालेंगे. राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिए दो घेरे होंगे. पहले घेरे में सेना के जवान मोर्चा संभालेंगे तो दूसरे में पैरामिलिट्री फोर्स, एटीएस, पीएसी, एसटीएफ और पुलिस तैनात रहेगी. उनकी सुरक्षा के लिए जोन के 11 जिलों से लगभग चार हजार जवानों की मांग की गई है.
एसएसपी डॉ सुनील गुप्ता गोरखपुर ने जानकारी देते हुए बताया कि 10 दिसंबर के आयोजन में शिरकत करने के लिए राष्ट्रपति का प्रवेश मंदिर के मुख्य द्वार से होगा और उनका वाहन सीधे गुरु गोरक्षनाथ मंदिर की सीढि़यों तक पहुंचेगा. उनकी वापसी भी मुख्य द्वार से ही होगी. मंदिर का मुख्य द्वार केवल राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के प्रवेश के लिए खुलता है. बाकी अतिथियों का प्रवेश मंदिर के उत्तर दिशा में मौजूद वीआइपी गेट से होता है. राष्ट्रपति वाहन से उतरकर पूरब गुरु गोरक्षनाथ के मंदिर में भी मुख्य द्वार से ही प्रवेश करेंगे और गुरु के दर्शन-पूजन के बाद दक्षिण दिशा में मौजूद द्वार से निकलकर ब्रह्मालीन महंत अवेद्यनाथ के समाधि स्थल पर जाएंगे और उनका आशीर्वाद लेंगे.
गोरक्षपीठ मैनेजर द्वारिका तिवारी ने बताया कि आधे घंटे मंदिर के बैठक कक्ष में विश्राम करने के बाद राष्ट्रपति पैदल ही दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में जाएंगे, जहां समारोह का मुख्य महोत्सव आयोजित है. सभागार में 1400 गण्यमान्य लोग मौजूद रहेंगे. उनकी सूची तैयार की गयी है. इसके अलावा 800 लोगों के बैठने का इंतजाम सभागार के बाहर परिसर में किया जा रहा है. जहां बैठे लोग एलईडी स्क्रीन पर कार्यक्रम को देख और सुन सकेंगे. बाहर बैठे लोगों की भी सूची तैयार की जा रही है.
आयोजक डॉ प्रदीप राव ने बताया कि इस कार्यक्रम में शिरकत वही लोग कर सकेंगे, जिनके पास मंदिर से जारी आमंत्रण पत्र होगा. परंपरागत प्रसाद से ही होगा राष्ट्रपति का स्वागत गुरु गोरक्षनाथ की पूजा-अर्चना और ब्रह्मालीन महंत अवेद्यनाथ का आशीर्वाद ग्रहण करने के बाद राष्ट्रपति करीब 15 मिनट मंदिर के बैठक कक्ष में गुजारेंगे. वहां उनके जलपान का प्रबंध मंदिर द्वारा किया जाएगा. जलपान पूरी तरह से परंपरागत होगा यानी राष्ट्रपति के सामने मंदिर का परंपरागत प्रसाद मट्ठा और पेड़ा पेश किया जाएगा.
मंदिर के सहयोगी दुर्गेश बजाज ने कहा कि संस्थापक सप्ताह समारोह के मुख्य महोत्सव के अवसर पर सप्ताह पर चलने वाली प्रतियोगिताओं के विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाना है. चूंकि राष्ट्रपति की मौजूदगी में कार्यक्रम की अवधि निर्धारित है.सारा कार्यक्रम एक घंटे में सम्पन्न करना है.ऐसे में कुछ मुख्य प्रतियोगिताओं के विजेताओं को ही राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कार हासिल करने का अवसर मिल सकेगा.उन विजेताओं की सूची तैयार की जा रही है, जिन्हें राष्ट्रपति के हाथ से पुरस्कार लेना है.शेष विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत करने का कार्य राष्ट्रपति के जाने बाद सम्पन्न किया जाएगा.
आयोजकर्ता डॉ प्रदीप राव ने कहा कि इस कार्यक्रम में प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में राष्ट्रपति की अगवानी के लिए मौजूद रहेंगे. उनकी सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं को लेकर प्रदेश के सर्वोच्च अधिकारी लगातार जिला प्रशासन के संपर्क में हैं.राष्ट्रपति सचिवालय से मिलने वाले निर्देशों का पालन सुनिश्चित कराने में मुख्य सचिव स्वयं जुटे हैं.
Source : News Nation Bureau