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मथुरा पुलिस की अजब कहानी: ठगों को पकड़ने के बजाय कर रही सचेत, जानिए पूरा मामला

कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए प्रदेश सरकार दिनरात एक करके जोर आजमाइश कर रही है.

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Dalchand Kumar
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मथुरा पुलिस की अजब कहानी: ठगों को पकड़ने के बजाय कर रही सचेत, जानिए पूरा मामला

फाइल फोटो

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कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए प्रदेश सरकार दिनरात एक करके जोर आजमाइश कर रही है. वहीं दूसरी ओर, पुलिस विभाग अपराधियों पर कार्रवाई न करके ठगी से होशियार रहने के बोर्ड लगाकर लोगों को सचेत कर रही है. उत्तर प्रदेश के मथुरा में पुलिस ने हथिया गांव में कई बोर्ड जगह-जगह लगवा दिए हैं, ताकि लोग सजग हो जाएं. पुलिस का कहना है कि अगर किसी बाहरी व्यक्ति को इन गांवों में जाना है तो पहले स्थानीय पुलिस को इसकी जानकारी दें. 

पुलिस की मानें तो ये वे गांव हैं, जहां ठग रहते हैं और देशभर में लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं. लेकिन यह तरह-तरह से ठगी कर रहे हैं. ऐसे में इनके ऊपर समय-समय पर कार्रवाई भी होती है, लेकिन यह अपनी हरकत से बाज नहीं आते हैं. गोवर्धन के क्षेत्राधिकारी विजय मिश्रा ने बोर्ड लगवाने की बात स्वीकार करते हुए कहा कि हमने लोगों को सचेत रहने के लिए बोर्ड लगवाएं हैं. जब उनसे पूछा गया कि आप इस पर कार्रवाई न करके ऐसे बोर्ड लगवाकर कानून-व्यवस्था की क्या इमेज बना रहे हैं तो इस उन्होंने बात करने से इनकार कर दिया.

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बरसाना के थानाध्यक्ष प्रदीप कुमार ने कहा कि बाहर के लोग यहां घूमने आते हैं, वे लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं. इसीलिए ऐसे बोर्ड की जरूरत पड़ी है. कई प्रकार की ठगी यह लोग कर चुके हैं. बहुत सारे लोगों को इनके कारण परेशानी हुई है. उन्होंने बताया कि अब इन्होंने ठगी का तरीका बदल लिया है. ठगी के नए तरीके के तहत यह ठग एक वेबसाइट बनवाते हैं. वेबसाइट पर सस्ता लोहा, सोना, सीसीटीवी, जनरेटर, कार, बाइक, कोयला और स्क्रैप बेचने की बात कहते हैं. रेट ऐसे बताए जाते हैं कि 400-500 किलोमीटर दूर बैठा व्यापारी लालच में फंस जाता है. फिर शिकार को गांव में या उसके आसपास बुलाकर लूट लेते हैं. इसी कारण लोगों के लिए अलार्म के रूप में यह बोर्ड लगाए गए हैं, ताकि लोग आसानी से आएं-जाएं.

हथिया गांव के पूर्व प्रधान बलदेव सिंह कहते हैं, 'हमारे गांव के कुछ 10-15 लड़के हैं जो विशेष प्रकार से ठगी करते हैं. ये लोग मोबाइल में संदेश भेजकर लोगों को परेशान करते हैं. यहां पर कई बार व्यापारी भी ठगी का शिकार हो गए हैं. ये उन्हें मोबाइल के माध्यम से संदेश भेजते हैं. सस्ते सामान का लालच देते हैं, जिससे वह लोग भागे चले आते हैं. बाद में उन्हें परेशानी उठानी पड़ती है. उन्होंने कहा कि इनकी ठगी रोकने के लिए हमने पुलिस से कई बार कहा है. वे लोग जब आते हैं, ये लोग कहीं गायब हो जाते हैं. इनमें से कुछ लोग जेल भी हो आए, लेकिन अभी सुधार नहीं आ रहा है. पूर्व प्रधान ने बताया कि पुलिस प्रशासन ने कई चौराहों पर ऐसे बोर्ड के माध्यम से लोगों को सतर्क कर रखा है. 

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इसी गांव के रहने वाले शिवचरण ने बताया कि हथिया गांव आने से पहले पुलिस वालों को सूचना देनी पड़ती है. बाकायदा पुलिस खुद इस बात का ढिंढोरा पीटती है कि अगर आप इस गांव में जा रहे हैं तो बरसाना थाना, मथुरा की पुलिस को बताकर जाएं या फिर गांव के आसपास रहने वाले दूसरे लोगों को सूचित करें. इसके लिए मथुरा पुलिस ने जगह-जगह होर्डिग बोर्ड और बैनर लगवाए हुए हैं. पुलिस ने चेतावनी देते हुए बोर्ड पर लिखवाया है कि अगर आप सोने की सस्ती ईंट, लोहे का स्क्रैप, आरओ प्लांट, लिफ्ट, सीसीटीवी, जनरेटर खरीदने हाथिया जा रहे हैं तो सावधान हो जाएं. आपके साथ धोखाधड़ी हो सकती है. पुलिस के अनुसार, इस गांव में ठग रहते हैं. 

इसी गांव के रामचरण गूजर का कहना है कि ऐसे सिर्फ यही गांव नहीं हैं, बल्कि हरियाणा के कुछ गांव और राजस्थान में भरतपुर से सटे गांवों में भी इसी प्रकार के ठग रहते हैं जो इस प्रकार काम करते हैं, लोगों को ठगते हैं. हद तो तब हो जाती है जब उसे अधमरा कर छोड़ दिया जाता है. लिहाजा, पुलिस अब गांव में बोर्ड लगा रही है, ताकि लोग न जाएं. रामचरण ने बताया कि ये ठग अब टेक्नोलॉजी के जरिए लोगों को ठगते हैं. पहले ये एक वेबसाइट बनाते हैं, जिसमें सस्ता माल देने की बात करते हैं. जब दूर का व्यापारी इनके जाल में फंसता है तो ये उसे मथुरा या दिल्ली के आसपास या फिर गांव के आसपास बुला लेते हैं और उस फिर उसका माल लूट लेते हैं. कभी-कभी तो व्यापारी को बंधक बनाकर उसके परिवार से मोटी फिरौती भी मांगते हैं. किसी की हत्या करना या किसी के साथ मारपीट करना इनके लिए कोई बड़ा काम नहीं है.

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