उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में पिछले 20 दिनों से तीसरी बार जमकर बवाल हुआ। भीड़ ने पुलिस चौकी के साथ 20 गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया और पुलिस पर जमकर पत्थरबाजी की।
आलम यह था कि मौके पर पहुंचे सीओ (सिटी) को भागकर अपनी जान बचानी पड़ी। एसएसपी समेत अन्य आला अधिकारी को हालात पर काबू पाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
सहारनपुर में हुई हिंसा को लेकर कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा, 'कानून अपना काम करेगा और किसी को बख्शा नहीं जाएगा। उपद्रव करने वालों से पुलिस सख्ती से निपटेगी। सरकार कानून व्यवस्था को लेकर लगातार नजर बनाए हुए है। कुछ कमियां हैं, जिन्हें जल्दी ही दूर कर लिया जाएगा।'
उत्तर प्रदेश सरकार ने हिंसा की खबरों के बाद सहारनपुर के 2 एडिशनल SP को हटा दिया है।
पिछले शुक्रवार को सहारनपुर के बडगांव में महाराणा प्रताप की जयंती के जुलूस को लेकर बवाल हो गया था। पथराव में एक युवक की मौत हो गई थी, जबकि आधा दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए थे। मरने वाले की शिनाख्त सुमित पुत्र ब्रह्मसिंह के रूप में हुई थी।
इसी घटना को लेकर एक समुदाय ने मंगलवार को पंचायत बुलाई थी, जिसे प्रशासन ने मंजूरी नहीं दी। इसके बाद भीम आर्मी और अन्य दलित संगठनों ने थाना सदर बाजार के मल्हीपुर रोड और चिलकाना के हलालपुर में जाम लगा दिया और जमकर उत्पात मचाया। जाम हटाने पहुंची पुलिस पर भी उपद्रवियों ने हमला कर दिया। पत्थरबाजी में सीओ सिटी किसी तरह अपनी जान बचाकर भागे।
इससे पहले सबीरपुर गांव में महाराणा प्रताप की जयंती के उपलक्ष्य में शोभायात्रा निकाली जा रही थी, उसी दौरान दलितों ने पथराव कर दिया। इससे तनाव बढ़ गया और दूसरे पक्ष के लोगों ने दलितों के घरों में आग लगा दी। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच जमकर पथराव हुआ। इसके बाद मामला इतना बढ़ गया कि गोलीबारी भी शुरू हो गई।
आईपीएल 10 से जुड़ी हर बड़ी खबर के लिए यहां क्लिक करें
HIGHLIGHTS
- उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में पुलिस और भीड़ के बीच झड़प
- पुलिस चौकी के साथ 20 गाड़ियों को आग के हवाले किया
- मौके पर पहुंचे सीओ (सिटी) को भागकर अपनी जान बचानी पड़ी
Source : News Nation Bureau