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CM Yogi Adityanath Photograph: (Social)
UP News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने और तकनीकी सहयोग से अपराध नियंत्रण की दिशा में लगातार कदम उठा रही है. इसी क्रम में प्रदेश में फॉरेंसिक साइंस और साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया जा रहा है. सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कानून प्रवर्तन में फॉरेंसिक साइंस को अनिवार्य किया गया है. पिछले आठ वर्षों में सरकार ने आधुनिक फॉरेंसिक लैब स्थापित करने, साइबर अपराधों से निपटने के लिए अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध कराने और पुलिस-फॉरेंसिक सहयोग को बढ़ावा देने जैसे कई बड़े कदम उठाए हैं.
नोएडा में क्राइम जागरूकता
इसी कड़ी में शुक्रवार को नोएडा में साइबर क्राइम जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में डिजिटल युग में बढ़ते साइबर खतरों और उनसे निपटने की रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा हुई. कार्यशाला में उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस के संस्थापक निदेशक डॉ. जी. के. गोस्वामी, एडिशनल सीपी अजय कुमार सहित बैंकिंग सेक्टर, उद्योग जगत, आरडब्ल्यूए और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए.
75 जिलों में तैनात की जा रहीं मोबाइल फॉरेंसिक वैन
करीब 250 प्रतिभागियों की मौजूदगी ने यह संकेत दिया कि समाज में साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता तेजी से बढ़ रही है. विशेषज्ञों ने साइबर ऑडिट, डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) एक्ट और डेटा सुरक्षा की अहमियत पर विस्तृत जानकारी दी. चर्चा के दौरान बताया गया कि आने वाले समय में डेटा चोरी पर 250 करोड़ रुपये तक का दंड लगाया जा सकेगा. इसके साथ ही यूपी में फॉरेंसिक क्षमताओं को मजबूत करने के लिए अब तक 13 कैबिनेट्स की स्थापना की जा चुकी है और सभी 75 जिलों में मोबाइल फॉरेंसिक वैन तैनात की जा रही हैं.
डेटा इंश्योरेंस को बताया बड़ी जरूरत
डॉ. गोस्वामी ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि आज के समय में डेटा धन से भी अधिक मूल्यवान हो गया है. ऐसे में सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते समय लोगों को बेहद सतर्क रहना चाहिए. उन्होंने बताया कि जैसे वित्तीय ऑडिट जरूरी होता है, वैसे ही अब डेटा ऑडिट भी अनिवार्य होगा. साथ ही उन्होंने भविष्य में 'डेटा इंश्योरेंस' को बड़ी जरूरत बताते हुए कहा कि जैसे स्वास्थ्य और फसल का बीमा होता है, वैसे ही आने वाले वर्षों में डिजिटल बीमा भी आम लोगों तक पहुंचेगा.
जेनेटिक साइंटिफिक एनालिसिस से खुलेंगे नए अवसर
गोस्वामी ने डीएनए कुंडली की अवधारणा पर भी प्रकाश डालते हुए कहा कि आने वाले समय में जेनेटिक साइंटिफिक एनालिसिस से नए अवसर खुलेंगे. कार्यशाला के निष्कर्ष ने यह स्पष्ट किया कि डिजिटल युग में डेटा सुरक्षा केवल तकनीकी चुनौती नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी भी है. योगी सरकार का प्रयास है कि विशेषज्ञों और जनता की भागीदारी से साइबर अपराधों पर प्रभावी रोक लगाई जा सके.
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