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उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई. बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने पत्रकारों को विस्तार से जानकारी दी. बैठक की शुरुआत बिहार चुनाव में मिली जीत की बधाई से हुई. इसके साथ ही महिला क्रिकेट टीम और यूपी की स्टार खिलाड़ी दीप्ती शर्मा को उनके शानदार प्रदर्शन पर कैबिनेट ने शुभकामनाएं दीं.
आपको बता दें कि बैठक में कुल 20 बड़े प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. सबसे पहले दिल्ली में हुए बम धमाके की कड़ी निंदा करते हुए एक निंदा प्रस्ताव पारित किया गया. इसे कायराना हमला बताते हुए कैबिनेट ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई.
इन प्रस्तावों को मिली मंजूरी
न्याय व्यवस्था से जुड़े फैसलों में हाईकोर्ट के 156 निजी सचिवों को ग्रेड-1 में प्रमोशन देने की मंजूरी दी गई. न्यायिक सेवा अधिकारियों को राहत देते हुए यह निर्णय लिया गया कि वे अब 10 लाख रुपये तक की कार केवल 5% ब्याज दर पर खरीद सकेंगे, जिससे उनकी गतिशीलता और कार्यक्षमता बढ़ेगी.
साथ ही वृद्धावस्था पेंशन को लेकर बड़ा बदलाव किया गया. अब वरिष्ठ नागरिकों को अलग से आवेदन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. 'एक परिवार-एक पहचान' फैमिली आईडी प्रणाली के जरिए पात्र लोगों की स्वतः पहचान होगी और उनकी सहमति मिलने पर पेंशन स्वीकृत हो जाएगी. पेंशन सीधे आधार-लिंक्ड बैंक खातों में भेजी जाएगी और हर किस्त की जानकारी एसएमएस के माध्यम से मिलेगी. इसके लिए सरकार मोबाइल ऐप भी जारी करेगी.
राजस्व विभाग से जुड़े फैसलों में 2 लाख रुपये तक के किरायानामे पर अब केवल 500 रुपये स्टाम्प शुल्क लगेगा. इससे आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. किरायेदारी को पारदर्शी बनाने के लिए 10 साल तक की किरायेदारी रजिस्ट्री पर शुल्क में छूट भी दी गई है, ताकि किरायेदार और मकान मालिक बिना डर के लिखित समझौता करा सकें.
श्रम कानूनों में बदलाव करते हुए दुकान एवं वाणिज्य अधिष्ठान अधिनियम 1962 को पूरे प्रदेश में लागू किया गया. अब 20 या उससे अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठान इस कानून के तहत आएंगे, जिससे श्रमिकों को कानूनी संरक्षण मिलेगा.
लेखपाल सेवा नियमावली में महत्वपूर्ण संशोधन करते हुए चैनमैन के लिए प्रमोशन का रास्ता खोला गया है. अब कुल पदों में से 2% पद चैनमैन को पदोन्नति के आधार पर दिए जा सकेंगे.
स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा निर्णय लेते हुए बागपत जिले के मीतली गांव में 5.07 हेक्टेयर भूमि मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए निःशुल्क चिकित्सा शिक्षा विभाग को हस्तांतरित की गई. यह कॉलेज पीपीपी मोड पर बनाया जाएगा.
ये सभी निर्णय प्रदेश की प्रशासनिक क्षमता, कानून-व्यवस्था, और जनसेवा को मजबूत बनाने की दिशा में अहम कदम माने जा रहे हैं.
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