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डेढ़ लाख श्रद्धालुओं ने नीलकंठ के दर्शन किए, शिव का मिला आशीर्वाद

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में महाशिवरात्रि के पर्व पर शुक्रवार को करीब डेढ़ लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने कालिंजर दुर्ग की सरगोह में विराजमान भगवान नीलकंठ के दर्शन किये और उनका दुग्धाभिषेक किया.

Updated on: 22 Feb 2020, 08:04 AM

highlights

  • महाशिवरात्रि के पर्व पर शुक्रवार को करीब डेढ़ लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने कालिंजर दुर्ग पहुंचे. 
  • 21 फरवरी 2020 को थी महाशिवरात्रि. 
  •  सभी मंदिरों भक्तों का ताता लगा हुआ है.

बांदा:

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में महाशिवरात्रि के पर्व पर शुक्रवार को करीब डेढ़ लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने कालिंजर दुर्ग की सरगोह में विराजमान भगवान नीलकंठ के दर्शन किये और उनका दुग्धाभिषेक किया। नरैनी की उपजिलाधिकारी (एसडीएम) वंदिता श्रीवास्तव ने बताया कि कालिंजर दुर्ग की सरगोह में विराजमान भगवान नीलकंठ के दर्शन और दुग्धाभिषेक के लिए शुक्रवार सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया था, जो दिनभर चला। उन्होंने कहा कि एक अनुमान के अनुसार करीब डेढ़ लाख श्रद्धालु नीलकंठ के दर्शन कर चुके हैं।

उन्होंने बताया कि कालिंजर किले में गुरुवार से चार द्विवसीय महोत्सव भी चल रहा है। जिसमें विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम किये जा रहे हैं, इसलिए श्रद्धालुओं की सुरक्षा के और पुख्ता इंतजाम भी किये गए हैं। एसडीएम ने बताया कि 'महोत्सव में केंद्र व राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी जनता को दी जा रही है।

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शिव भक्तों के लिए शिवरात्रि का पर्व काफी महत्वपूर्ण होता. हिंदुओं के प्रमुख त्योहरों में से एक ये पर्व आज यानी 21 फरवरी देशभर में धूम धाम से मनाया गया. सभी मंदिरों भक्तों का ताता लगा हुआ है. कहते हैं कि बाबा भोले सबकी सुनते हैं और सबकी मनोकामना पूरी करते हैं.

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भगवान शिव 56 प्रकार के भोग से नहीं बल्कि बेलपत्र, धतूरा, बेर और भांग से ही मान जाते हैं. सच्चे मन से जो भी भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है.