उत्तर प्रदेश में 1022 स्कूलों की मान्यता अधर में लटकी हुई है. यूपी बोर्ड ने जनवरी में ही स्क्रीनिंग के बाद मान्यता का प्रस्ताव शासन को भेज दिया था. लेकिन 6 माह की मंजूरी के बाद भी मान्यता नहीं मिली है. इसके कारण आवेदन करने वाले स्कूलों को परेशानी हो रही है.
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इन स्कूलों के बच्चे 2022 की बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे. नियम के मुताबिक एक अप्रैल 2019 को सत्र शुरू होने के पहले ही मान्यता का आदेश जारी हो जाना चाहिए था. लेकिन स्कूल खुले 3 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है फिर भी मान्यता नहीं मिली हैं.
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पहले 10 मार्च को लोकसभा चुनाव की घोषणा होने और आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण मान्यता फंसी थी. उसके बाद दो बार आपत्तियां भेजी गईं. आपत्तियों का निस्तारण हुए 10 दिन से ज्यादा हो गए हैं लेकिन शासन की सुस्ती से कोई निर्णय नहीं हुआ है.
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हालांकि 2019-20 सत्र के लिए अभी 5 अगस्त तक प्रवेश होगा. नए कॉलेजों को हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की मान्यता देने के साथ ही इंटरमीडिएट स्तर पर नए विषयों को मान्यता देने के लिए बोर्ड मुख्यालय में 7 से 9 जनवरी तक मानयता समिति में बैठक की गई थी.
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प्रयागराज, वाराणसी, मेरठ, गोरखपुर व बरेली क्षेत्रीय कार्यालयों के जिलों से करीब 4 हजार आवेदन प्राप्त हुए थे. स्क्रीनिंग के बाद 1022 को ही मान्यता के लिए योग्य माना गया. 2023 की बोर्ड परीक्षा के लिए मान्यता के ऑनलाइन आवेदन चल रहे हैं. माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर 15 जुलाई तक बिना लेट फीस और फिर 31 जुलाई के बाद लेट फीस के साथ आवेदन किया जा सकता है.
HIGHLIGHTS
- तीन महीने पहले भेजा गया था प्रस्ताव
- तीन बार हो चुका आपत्तियों का निस्तारण
- 4 हजार आवेदनों में से 1022 को योग्य माना गया