कुलदीप सेंगर अब नहीं रहे विधायक, विधानसभा से खत्म हुई सदस्यता

गौरतलब है कि रेप मामले में दिल्ली की अदालत ने कुलदीप सिंह सेंगर को 20 दिसंबर 2019 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

गौरतलब है कि रेप मामले में दिल्ली की अदालत ने कुलदीप सिंह सेंगर को 20 दिसंबर 2019 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

author-image
Dalchand Kumar
एडिट
New Update
कुलदीप सेंगर अब नहीं रहे विधायक, विधानसभा से खत्म हुई सदस्यता

कुलदीप सेंगर अब नहीं रहे विधायक, विधानसभा से खत्म हुई सदस्यता( Photo Credit : फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के चर्चित उन्नाव बलात्कार मामले (Unnao rape case) में भारतीय जनता पार्टी के के निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की विधानसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई है. यानी अब कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) विधायक नहीं रह गए हैं. इस संबंध में उत्तर प्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे ने अधिसूचना जारी कर दी है. अधिसूचना के मुताबिक, कुलदीप सेंगर की सजा के ऐलान के दिन से ही विधानसभा सदस्यता खत्म मानी जाएगी. बता दें कि कुलदीप सिंह सेंगर उन्नाव (Unnao) जिले के बांगरमऊ विधानसभा सीट से विधायक थे.

Advertisment

यह भी पढ़ें: UP ने शिक्षा को लेकर दिल्ली से ली प्रेरणा, सरकारी स्कूलों की सूरत संवारने का अभियान शुरू

कुलदीप सेंगर की सदस्यता खत्म किए जाने पर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रासद मौर्य ने कहा कि कानून ने अपना काम किया. सजायाफ्ता के साथ जो होना चाहिए, वो हुआ है. मौर्य ने कहा कि विपक्ष के कहने से कुछ नहीं होता है.

गौरतलब है कि इस मामले में दिल्ली की अदालत ने कुलदीप सिंह सेंगर को 20 दिसंबर 2019 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने जीवंत पर्यन्त आजीवन कारावास की सजा के साथ सेंगर पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. इससे पहले सेंगर को भारतीय दंड संहिता (भादंसं) के तहत दुष्कर्म और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत किसी लोकसेवक द्वारा किसी बच्ची के खिलाफ यौन हमला किए जाने के अपराध का दोषी ठहराया था.

यह भी पढ़ें: अलीगढ़ में हुई हिंसा और पुलिस कार्रवाई के विरोध में विधान परिषद में सपा के विधायकों का हंगामा 

बता दें कि 17 जनवरी 2020 को कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाईकोर्ट से भी झटका लगा था. अदालत ने दुष्कर्म के मामले में उसे सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने से इनकार कर दिया था. अपनी दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ सेंगर की याचिका पर अदालत ने पीड़िता से जवाब भी मांगा था. हालांकि न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने सेंगर को जुर्माने की 25 लाख रुपये की राशि 60 दिन में देने की अनुमति दी, जिनमें से 10 लाख रुपये बिना किसी शर्त के पीड़िता को दिए जाएंगे.

यह वीडियो देखें: 

Uttar Pradesh Unnao UP Assembly MLA Kuldeep Sengar Kuldeep Singh Senger
      
Advertisment