उत्तर प्रदेश सरकार 50 साल की उम्र से ऊपर के राज्य कर्मचारियों के लिए 'अनिवार्य रिटायरमेंट' पर विचार कर रही है अगर वे अपने कामों में लापरवाह पाए गए।
इसके मुताबिक अगर किसी कर्मचारी (50 साल की उम्र से ज्यादा) का प्रदर्शन अनुकूल नहीं रहा या जांच में असफल रहे तो उसे नौकरी छोड़ने को कहा जाएगा।
योगी सरकार के इस आदेश के बाद राज्य के कर्मचारियों में नाराजगी की लहर है।
राज्य सरकार के 16 लाख कर्मचारियों में चार लाख कर्मचारी इस आदेश के दायरे में आएंगे और विभाग प्रमुख के द्वारा कर्मचारियों के कामकाज के प्रदर्शन की विस्तृत रिपोर्ट 31 जुलाई तक सौंपी जाएगी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव मुकुल सिंघल के द्वारा जारी एक सरकारी आदेश के अनुसार, 'सभी विभाग प्रमुखों को 31 जुलाई से पहले 50 साल से ऊपर के उम्र के कर्मचारियों की पूरी जांच को पूरा करना होगा। 50 साल की उम्र 31 मार्च 2018 पर तय की जाएगी।'
आदेश में यह भी कहा गया है कि नियमों के अनुसार, अस्थायी या स्थायी, कोई भी सरकारी कर्मचारी रिटायरमेंट का फैसला कर सकते हैं।
सरकार के इस फैसले पर उत्तर प्रदेश सचिवालय कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष यदवेंद्र मिश्रा ने कहा है कि इस तरह का प्रयास सरकारी सेवकों को परेशान करने के लिए किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, 'इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आदेश पर चर्चा करने के लिए सोमवार को एक बैठक बुलाई गई है जिसमें आगे की कार्रवाई के लिए फैसला लिया जाएगा। अगर राज्य सरकार वरिष्ठ कर्मचारियों के साथ आदेश के साथ आगे बढ़ती है तो हम हड़ताल पर भी जा सकते हैं।'
बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में काम का माहौल सुधारने के लिए इस तरह के आदेश लेकर आई है।
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Source : News Nation Bureau