उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ में फल और सामान की होम डिलीवरी करने वालों को लेकर सरकार चौकन्ना हो गई है. होम डिलीवरी करने वालों की अब कोरोना वायरस संक्रमण की जांच होगी. होम डिलीवरी (home delivery) करने वालों की संक्रमित होने के डर से जांच की जाएगी. पिछले दिनों सब्जी और खाने की डिलीवरी करने वालों के कोरोना वायरस (COVID-19) से संक्रमित होने के बाद यह फैसला लिया गया.
यह भी पढ़ें: Good News: सात दिनों में देश के 80 जिलों में कोरोना वायरस का कोई नया मामला नहीं
केजीएमयू अब क्लिनिकल ट्रायल भी करेगा
उधर, लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) अब क्लिनिकल ट्रायल करने जा रहा है. केजीएमयू में प्लाज्मा के साथ मेडिसिन दोनों से कोरोना वायरस संक्रमण के मरीजों का इलाज होगा. केजीएमयू के डीन रिसर्च सेल को आईसीएमआर से क्लिनिकल ट्रायल की अनुमति प्रदान की है. संस्थान के डॉक्टर तय संख्या में मरीजों का दोनों विधि से इलाज करेंगे. दोनों विधि के इलाज का आकलन भी किया जाएगा.
यह भी पढ़ें: बच गई धरती, टल गया खतरा, पास से गुजर गया क्षुद्रग्रह
राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या अब 2053
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस लगातार अपने कदम बढ़ता जा रहा है. इसकी जद में 60 जिले आ गए हैं. सूबे में अब तक 2053 लोग वायरस की चपेट में आ चुके हैं. मंगलवार को 66 नए मरीजों का पता चला. प्रदेश में कोरोना संक्रमण से अब तक 34 लोगों की मौत हो चुकी है. अभी तक 462 लोग स्वास्थ्य होकर घर जा चुके हैं. प्रदेश के 60 जनपद कोरोना से प्रभावित हुए हैं. इनमें से 7 जिले कोरोना से मुक्त हुए हैं. 15 जिलों में अभी भी कोरोना का कोई केस नहीं मिला है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एल-1 अस्पतालों में और 8 हजार बेड बढ़ाए जा रहे हैं.
यह वीडियो देखें: