logo-image

यूपी को कोरोना संकट में मिले 66,000 करोड़ रुपए के 96 निवेश प्रस्ताव

इन निवेश प्रस्तावों में से 18 निवेशकों की 16 हजार करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाओं के लिए सरकार के स्तर से भूमि आवंटन की कार्यवाही पूरी कर दी गई है.

Updated on: 08 Jun 2021, 12:16 PM

लखनऊ:

यूपी को कोरोना संकट में मिले 66,000 करोड़ रुपए के 96 निवेश प्रस्ताव
Uttar Pradesh Gets 66 Thousands Crore Investment Offer In Corona Epidemic
Corona Epidemic, COVID-19, Uttar Pradesh, Yogi Adityanath, Investment, उत्तर प्रदेश, कोरोना संक्रमण, योगी आदित्यनाथ, निवेश प्रस्ताव, कोविड-19 
उत्तर प्रदेश सरकार की इन्वेस्टर फ्रेण्डली नीतियां देश- विदेश के बड़े निवेशकों को काफी पसंद आ रही हैं. कोरोना संकट के दौरान तमाम बड़े निवेशकों का यूपी में निवेश करने की पहल करना यही दर्शा रहा है. औद्योगिक विकास विभाग के आंकड़ों के अनुसार, सूबे में कोरोना संकट के दौरान अब तक 66 हजार करोड़ रुपये के 96 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. इन निवेश प्रस्तावों में से 18 निवेशकों की 16 हजार करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाओं के लिए सरकार के स्तर से भूमि आवंटन की कार्यवाही पूरी कर दी गई है.

अन्य प्रस्तावों पर भी इसी तरह की कार्रवाई की जा रही है. इसके अलावा ऑक्सीजन उत्पादन के क्षेत्र में कई बड़ी कंपनियों के प्रस्ताव सरकार को मिले हैं. इन कंपनियों के शीर्ष प्रंबंधन से संपर्क कर उनकी हर संभव मदद करने के निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों अधिकारियों को दिए हैं. वह चाहते हैं कि यूपी में निवेश से संबंधित जो प्रस्ताव मिले हैं, वह यूपी में अपना उद्यम स्थापित करें. इसी मंशा के तहत बीते दिनों उन्होंने औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों से साथ बैठक कर कोरोना संकट के दौरान मिले निवेश संबंधी प्रस्तावों की समीक्षा की. राज्य सरकार से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना संकट के दौरान अप्रैल 2020 से लेकर मई 2021 तक निवेश संबंधी कुल 96 प्रस्ताव सरकार को प्राप्त हुए.

राज्य सरकार के अनुसार प्रदेश में जिन बड़ी कंपनियों ने अपनी यूनिट लगाने में रूचि दिखाई है, उनमें हीरानंदानी ग्रुप भी शामिल है. हीरानंदानी ने 6000 करोड़ रुपए का निवेश कर डाटा सेंटर स्थापित करना चाहता है. इसी प्रकार ब्रिटानिया ग्रुप ने फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने के लिए 300 करोड़ रुपए का निवेश करने का प्रस्ताव दिया है. माइक्रोसॉफ्ट ने 1800 करोड़ रुपए की लागत का साफ्टवेयर पार्क स्थापित करने में रूचि प्रकट की है. डिक्सान कंपनी ने 200 करोड़ की लागत से इलेक्ट्रानिक्स मैनेफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने का प्रस्ताव सरकार को दिया है. अडानी समूह ने भी 2500 करोड़ रुपए डाटा सेंटर की स्थापना करने में खर्च करने का फैसला किया है. इसके अलावा एसटी टेलेमीडिया ने 900 करोड़ रुपए डाटा सेंटर की स्थापना में, जर्मनी की वीएस कंपनी ने 300 करोड़ रुपए फुटवियर कंपनी की स्थापना में तथा एबी मौरी ने फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना में 375 करोड़ रुपए निवेश करने संबंधी प्रस्ताव किया है.

इन भी कंपनियों को भूमि मुहैया कराने का कार्य पूरा कर लिया गया है. निवेशकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इन्वेस्ट यूपी के स्तर पर विगत अप्रैल, 2020 से डेडिकेटेड हेल्पडेस्क संचालित की जा रही है. ये निवेशकों से संपर्क कर उनकी दिक्कतों का समाधान कर रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ हुई इस बैठक में ऑक्सीजन उत्पादन को लेकर मिले निवेश संबंधी प्रस्तावों का ब्यौरा भी रखा गया. इसके अलावा ऑक्सीजन उत्पादन को प्रोत्साहित करते हुए राज्य को मेडिकल और इण्डस्ट्रियल ऑक्सीजन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा मई, 2021 में लागू की गई 'उत्तर प्रदेश ऑक्सीजन उत्पादन प्रोत्साहन नीति-2021'की प्रगति पर भी चर्चा हुई.

विभाग के अधिकारी के अनुसार इस नीति के आकर्षक प्राविधानों के परिणामस्वरूप ऑक्सीजन उत्पादन से जुड़ी अनेक प्रतिष्ठित कम्पनियों ने प्रदेश में ऑक्सीजन संयंत्र की स्थापना में रुचि दिखायी है. राज्य में ऑक्सीजन के 416 प्लांट लगाए जाने हैं, जिसमें से 344 पर कार्य चल रहा है. 72 नए प्लांट शुरू भी हो गए हैं. कई बड़ी कंपनियों ने राज्य में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने में रूचि दिखाई है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे इन कम्पनियों के शीर्ष प्रबन्धन से नियमित सम्पर्क में रहते हुए परियोजनाओं को स्थापित कराने के लिए हर सम्भव सहयोग प्रदान करें. राज्य में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए उद्यमियों को कम ब्याज पर लोन देने के लिए बैंकों कोई समस्या ना खडी करें, इसे देखने को भी कहा गया है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने औद्योगिक विभाग के अधिकारियों से कहा है कि सभी लंबित एमओयू के क्रियान्वयन के लिए सम्बन्धित विभाग प्रभावी कार्यवाही करें. निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए कार्ययोजना बनाकर उसका समयबद्ध तथा शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करें.