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UP: विश्व का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बन सकता है जेवर, फिल्म सिटी में ये सुविधाएं होंगी मौजूद

अरुण वीर सिंह ने बताया कि फिलहाल हमने 5 रनवे का प्रस्ताव भेजा है, लेकिन आवश्यकता हुई तो इसकी रनवे की संख्या और भी बढ़ाई जा सकती है. हमारे आकलन के अनुसार जिस तरह से करोना से पहले भारत में एयरलाइन इंडस्ट्री की ग्रोथ थी.

Updated on: 23 Sep 2020, 02:44 PM

नई दिल्ली:

यमुना प्राधिकरण के सीईओ और जेवर एयरपोर्ट के प्रभारी अधिकारी अरुण वीर सिंह ने न्यूज नेशन से खास बातचीत की. उन्होंने जेवर एयरपोर्ट और यूपी में बनने वाली फिल्म सिटी के बारे में कई अहम और जरूरी बातें बताई.

विश्व का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बन सकता है जेवर-

अरुण वीर सिंह ने बताया कि फिलहाल हमने 5 रनवे का प्रस्ताव भेजा है, लेकिन आवश्यकता हुई तो इसकी रनवे की संख्या और भी बढ़ाई जा सकती है. हमारे आकलन के अनुसार जिस तरह से करोना से पहले भारत में एयरलाइन इंडस्ट्री की ग्रोथ थी. उसी तरह से आगे भी विकास दर रही, तो कुछ ही समय में भारत में हवाई जहाजों की संख्या दोगुनी हो जाएगी. जिसके बाद पांच रनवे से ज्यादा रनवे बनाए जा सकते हैं ,मौजूदा समय में सिर्फ चीन के शंघाई शहर में ही 5 रन वे हैं.

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MRO के लिए एशिया में सबसे बड़ी संरचना बनाई जाएगी जेवर एयरपोर्ट-

उन्होंने कहा कि MRO जानी मेंटेनेंस एंड रिपेयर वर्क के लिए अभी तक भारत में कोई भी बड़ी संरचना नहीं है, जीएमआर ने एक्शन संरचना बनाई है ,लेकिन वह भी काफी छोटी है. इसी तरह कोलंबो में भी बहुत छोटा है, अभी भी बोरिंग और एअरबस को रिपेयर के लिए यूरोप और अमेरिका जाना पड़ता है. अब जेेेवर में बनने जा रहा पांचवा रनवे एमआरओ के लिए ही डेडीकेटेड रहेगा, जिसमें हवाई जहाजों का बड़े से बड़ा रिपेयर वर्क किया जाना संभव होगा.

2 रन वे अंतर्राष्ट्रीय और दो रनवे क्षेत्रीय उड़ानों के लिए होंगे-

प्रभारी अधिकारी अरुण वीर सिंह ने बताया कि जेवर के 4 रन में से हो सकता है एक रनवे को पेसिफिक की उड़ानों के लिए रखा जाए या यह भी संभव है कि 2 रनवे क्षेत्रीय भारतीय उड़ानों के लिए और 2 रन वे अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए डेडीकेटेड रखे जाएं.

फिल्म सिटी और जेवर एयरपोर्ट में चीन की कंपनी का निवेश नहीं-

उन्होंने कहा कि जेवर एयरपोर्ट में 100% FDI एक स्विस कंपनी ज्यूरिक की तरफ से आ रही है, जिस का लुफ्तााज़ा भी शेयर है ,हालांकि अंतरराष्ट्रीय बिडिंग रूप से की गई थी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और फिल्म सिटी के किसी भी निर्माण में किसी भी चीनी कंपनी का कोई निवेश नहीं है.

हॉलीवुड की फिल्मों का भी होगा फिल्म सिटी में निर्माण-

अरुण वीर सिंह ने बताया कि जिस तरह से हॉलीवुड में बच्चों के लिए फिल्में बनती है ,डिजिटल और ग्राफिक्स का काम होता है. उसी तर्ज का काम अब हमारी फिल्म सिटी में भी होगा. हॉलीवुड की फिल्मों का निर्माण भी यह संभव है.

हिंदी या बॉलीवुड नहीं भारतीय फिल्म सिटी बनेगी-

प्रभारी अधिकारी ने कहा कि सिर्फ हिंदी भाषा के लिए नहीं सिर्फ बॉलीवुड की फिल्मों के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश की फिल्म सिटी के रूप में इसका विकास किया जाएगा, क्योंकि 80% फिल्म में काम करने वाले लोग यूपी और बिहार से आते हैं. जिन्हें मुंबई या दूसरे शहरों में जाने में काफी खर्च करना पड़ता है. अब स्थानीय युवाओं को भी रोजगार के नए अवसर फिल्म उद्योग में ही मिलेंगे.

प्रोफेशनलों की डिमांड पर प्रपोजल में परिवर्तन संभव-

उन्होंने आगे बताया कि कल लखनऊ में हुई बैठक में हमारी कई कलाकारों से बात हुई जिन्होंने कई तरह के सुझाव दिए. जिसमें म्यूजिक और फिल्म राइटिंग के लिए इंस्टिट्यूट बनाने का विचार भी था. हम उन सभी के विचारों को अपने प्रपोजल में समाहित करने की कोशिश करेंगे.

कनेक्टिविटी में ज्यादा खर्चा करने की जरूरत नहीं-

प्रभारी अधिकारी ने कहा कि यमुना प्राधिकरण के तहत बनने वाली सेक्टर 21 की फिल्म सिटी की सबसे अच्छी बात यह है कि यहां पर कनेक्टिविटी के लिए ज्यादा खर्च करने की जरूरत नहीं है. हमारी पहले से योजना है कि इस इलाके के लिए सोलर पैनल से बिजली मुहैया कराई जाए, जो आने वाले 40 सालों तक सेवाएं देती रहे. एक्सप्रेस-वे जो अभी 6 लेन है उसे 8 लेन तक बढ़ाया जा सकता है. मेट्रो ट्रेन के दो स्टेशन फिल्म सिटी के आसपास थी प्रस्तावित है.

इसके साथ ही दिल्ली और बनारस के बीच में बनने वाले हाई स्पीड ट्रेन का एक स्टेशन भी फिल्म सिटी के करीब जेव रमें बनने वाला है. अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से फिल्म सिटी की दूरी सिर्फ 3 किलोमीटर है, क्योंकि योजनाएं पहले ही बनाई जा चुकी है, इसलिए कनेक्टिविटी की कोई समस्या नहीं रहेगी.

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फिल्म से जुड़ी सभी सुविधाएं रहेंगे मौजूद-

प्रभारी अधिकारी अरुण वीर सिंह ने बताया कि फिल्म संग्रहालय, मीडिया विश्वविद्यालय ,आउटडोर इनडोर लोकेशन ,रहने का स्थान पांच सितारा होटल, प्राकृतिक संसाधन समेत तमाम लोकेशन फिल्म सिटी में ही रहेंगे. जिससे किसी व्यक्ति को एडिटिंग से लेकर स्टोरी तक, लोकेशन से लेकर ग्राफिक तक किसी अन्य स्थान पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.