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यूपी में रंगों की सियासत (सांकेतिक फोटो)
उत्तर प्रदेश में बीजेपी की पूर्ण बहुमत वाली सरकार का रंग अब मुख्यमंत्री के दफ्तर ऐनेक्सी पर भी दिखने लगा है। सफेद रंग की ऐनेक्सी पर अब भगवा रंग चढ़ रहा है। इसके बाद सरकारी बिल्डिंग पर बीजेपी के भगवा रंग को लेकर यूपी में सियासत शुरु हो गई है।
विपक्षी पार्टियां इस रंग को लेकर सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर रही है। बीजेपी पर रंगो की सियासत का आरोप लगा रही है, लेकिन खुद सरकार को इसमें कोई बुराई नजर नही आती।
सरकार का मानना है कि जिनके पास मुद्दे नही है, वो सरकार को विकास के एजेंडे से भटकाने के लिए इस तरह की मुद्दे उठा रहे हैं। यूपी के उप मुख्यमन्त्री दिनेश शर्मा ने कहा, 'जिन लोगो के पास कोई मुद्दा नही है वो ही इस तरह की बातें करते है, इसमे कोई बुराई नही है।'
वहीं विपक्षी पार्टी सरकार की रंगों कि सियासत पर सवाल उठा रही है। समाजवादी पार्टी नेता सुनील साजन का कहना है, 'इन लोगो के पास विकास का मुद्दा नहीं है। कभी ताज महल कभी मदरसा और अब भगवा रंग की बात करते हैं।'
हालांकि अब तक यूपी में मुख्यमंत्री आवास पर इससे पहले कभी भगवा रंग का इस्तेमाल नहीं हुआ है।
यूपी का एनेक्सी 1982 में मुख्यमंत्री कार्यालय़ बना। सबसे पहले बिल्डिंग का रंग सफेद और गहरा भूरा था। बाद में इसकी जालियां क्रीम रंग से रंग दी गईं।
इसके बाद मायावती सरकार में इस बिल्डिंग समेत सचिवालय की सभी बिल्डिंग्स का रंगरोगन, सौन्दर्यीकरण और मरम्मत भी हुई।
उसी दौरान शास्त्री भवन को पूरा सफेद रंग का कर दिया गया था। लेकिन अब पहली बार यह भगवा रंग में रंगा हुआ नजर आयेगा, और यही वजह है कि अब इस भगवा रंग को लेकर सियासत हो रही है।
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हालांकि यह पहला मामला नही है। सरकार बनने के बाद से ही भगवा रंग का जादू दिखने लगा था।
सबसे पहले गाडियों में सीटों पर भगवा रंग के तौलिए, स्टेज पर भगवा रंग, भगवा रंग के कालीन, मुख्यमंत्री और मंत्रियों के कमरों में भगवा रंग के पर्दे और यहां तक की सरकारी बस भी भगवा रंग में रंगी गई।
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Source : News Nation Bureau