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भगवान हनुमान को दलित वाले विवाद पर योगी आदित्‍यनाथ खिन्‍न

प्रयागराज पहुंचे उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ भगवान हनुमान को दलित बताने के विवाद से खिन्न दिखे.

Updated on: 02 Dec 2018, 01:11 PM

प्रयागराज:

प्रयागराज पहुंचे उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ भगवान हनुमान को दलित बताने के विवाद से खिन्न दिखे. उन्‍होंने कहा, जिन्हें धर्म के मर्म की जानकारी नहीं, वो हर बात संकीर्णता के दायरे में देखते हैं. ऐसे लोग बाल की खाल निकाल रहे हैं. किसी के काम पर उंगली उठाना आसान होता है. दूसरों पर उंगली उठाने के बजाय हर कोई अपनी जिम्मेदारी निभाए तो धरती दिव्यलोक में बदल जाए.

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कुंभ के आयोजन को लेकर उन्‍होंने कहा, हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी निभाए तो आयोजन में कमी नहीं दिखेगी. लोग अपनी कमियां दूर करें और दूसरे की गलतियों से सीखें तो देश दिव्य हो सकता है. उन्‍होंने कहा, कुम्भ से स्वच्छता का संदेश दिया जाना चाहिए. उन्‍होंने कहा, सभी धर्माचार्य और अखाड़े कुम्भ के अभियान से जुड़े हैं. हमें अपने अतीत के साथ कुम्भ में जाने का मौका मिलेगा. हजारों वर्षों की पुरानी परम्परा से साक्षात्कार होगा. प्रयाग में दिव्यता का कण-कण में मौजूद है. बस उसे महसूस करने की जरूरत है. उन्‍होंने प्रयाग के हर नागरिक से अतिथियों के स्वागत की अपील की.

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योगी आदित्‍यनाथ ने कहा, यह अत्यंत प्रसन्नता का क्षण है, जब कुम्भाभिषेकम् महोत्सव का आयोजन हुआ है. उन्‍होंने कहा, कांची कामकोटि मठ आदि शंकराचार्य परम्परा का प्राचीन मठ है. देश में आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक जागरण में पीठ की अहम भूमिका रही है. देश और दुनिया में सनातन परम्परा का प्रचार-प्रसार करने में शंकराचार्य स्वामी विजयेन्द्र सरस्वती लगे हुए हैं. कुम्भ भारत की सनातन परम्परा मानव कल्याण का सबसे बड़ा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आयोजन है. सनातन परम्परा पूरे विश्व के कल्याण की कामना करती है. जो लोग सनातन धर्म को नहीं जानते हैं, वो सवाल खड़े करते हैं. कुम्भ महान परम्परा का प्रतिनिधित्व करता है. देश में चार स्थानों पर कुम्भ का पवित्र आयोजन होता है. प्रयाग का कुम्भ देश व दुनिया के लिए आकर्षण का केन्द्र होता है, दिव्य शक्तियों को अर्जित करने का यही सुअवसर है.