यूपी निकाय चुनाव: वोटर लिस्ट में गड़बड़ी से कलराज, डीजीपी सुलखान नहीं डाल सके वोट, 49 फीसदी मतदान

बीजेपी के वरिष्ठ नेता सांसद कलराज मिश्र का नाम मतदाता सूची से गायब था। वे बिना वोट डाले ही अपने काम से रायबरेली चले गए।

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vineet kumar
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यूपी निकाय चुनाव: वोटर लिस्ट में गड़बड़ी से कलराज, डीजीपी सुलखान नहीं डाल सके वोट, 49 फीसदी मतदान

यूपी में निकाय चुनाव (फाइल फोटो, पीटीआई)

उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव के दूसरे चरण में रविवार को औसत 48.65 फीसदी मतदान हुआ। इस चरण के चुनाव में अपेक्षा से कहीं कम मत पड़े।

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मतदान समाप्त होने पर निर्वाचन आयोग की ओर से बताया गया कि दूसरे चरण में 48.65 फीसदी मतदान हुआ है। 22 नवंबर को संपन्न हुए पहले चरण के मतदान में 52.77 फीसदी मतदान हुआ था।

निकाय चुनाव के दूसरे चरण में लखनऊ, वाराणसी, मथुरा-वृंदावन, गाजियाबाद, इलाहाबाद और अलीगढ़ नगर निगम में मेयर पद के लिए भी वोट पड़े। निकाय चुनाव के दूसरे चरण में ग्रामीण में अधिक और शहरी इलाकों में कम मतदान हुआ। दूसरे चरण में सबसे कम मतदान जनपद इलाहाबाद में 34.2 प्रतिशत और लखनऊ में 37.57 प्रतिशत रहा।

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वहीं, निकाय चुनाव के दूसरे चरण में रविवार को मतदाता सूची में गड़बड़ी के कारण कई मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर सके। देवरिया से भाजपा सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र और प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सुलखान सिंह का नाम भी वोट न दे पाने वालों में शामिल है।

यही नहीं, वोटर लिस्ट में आठ माह की बच्ची का नाम होने का मामला भी सामने आया है। कई जगहों पर मतदान सूची में नाम न होने के कारण मतदाताओं ने हंगामा भी किया।

बीजेपी के वरिष्ठ नेता सांसद कलराज मिश्र का नाम मतदाता सूची से गायब था। वे बिना वोट डाले ही अपने काम से रायबरेली चले गए। पिछले निकाय चुनाव में भी उनका नाम सूची में नहीं था। पूर्व मंत्री ने बताया कि उन्होंने इस दफा सूची में नाम जुड़वाने के लिए जरूरी कार्रवाई भी करवाई थी, फिर भी उनका नाम सूची में नहीं था।

इसके साथ ही डीजीपी सुलखान सिंह का नाम भी मतदाताओं सूची से गायब रहा। वह भी वोट नहीं डाल सके। डीजीपी सुलखान सिंह समेत लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार में रिवर व्यू के सभी अपार्टमेंट में रहने वाले मतदाता मतदान से वंचित रह गए। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने रिवर व्यू अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों के नाम नगर निगम को नहीं सौंपे थे जिसकी वजह से उनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं शामिल हुआ।

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इसके अलावा मतदाता सूची में गड़बड़ी के कारण लखनऊ के तीन बार मेयर रह चुके दाऊजी गुप्ता भी वोट नहीं डाल सके। उन्होंने करीब तीन घंटों तक अपने और अपने परिवार का नाम सूची में तलाशा, लेकिन नाम नहीं मिला।

पूर्व मुख्यमंत्री के ओएसडी जैनेंद्र सिंह का नाम भी वोटर लिस्ट से नदारद रहा। नाम न होने के कारण वार्ड 45 के बूथ संख्या 871 में अफरातफरी का माहौल रहा।

वहीं, वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावक रहे वीरभद्र निषाद का नाम भी मतदाता सूची से गायब रहा। यहीं नहीं वाराणसी में ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय कार्यालय के प्रभारी शिव शरण पाठक का नाम भी मतदाता सूची से गायब रहा। पाठक सिगरा से मतदाता हैं।

तीसरे चरण का मतदान 29 नवंबर को होगा। वोटों की गिनती 1 दिसंबर को होगी।

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HIGHLIGHTS

  • वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के कारण कलराज मिश्र और सुलखान सिंह नहीं डाल सके वोट
  • दूसरे चरण में कम हुआ मतदान, केवल 49 फीसदी मतदाताओं ने डाला वोट
  • 29 नवंबर को तीसरे चरण की वोटिंग, वोटों की गिनती एक दिसंबर को

Source : IANS

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