बरेली की एक अदालत ने हाल ही में पुलिस को एक ग्राम विकास अधिकारी और एक ग्राम प्रधान के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया, जिन्होंने बच्चों के परिवार द्वारा उन्हें रिश्वत देने से इनकार करने के बाद कथित रूप से गलत जन्म दस्तावेज जारी किए थे. जारी किए गए दस्तावेजों के अनुसार, दो वर्षीय साकेत के जन्म का वर्ष 13 जून, 2018 के बजाय 13 जून, 1916 दिखाया गया है, जो उसे 102 साल का बनाता है.
साकेत का बड़ा भाई शुभ जो चार साल का है, उसके जन्म प्रमाणपत्र में उसकी जन्मतिथि 6 जनवरी 2016 के बजाय 6 जनवरी 1916 बताई गई है.
शाहजहांपुर के खुटार पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले बेला गांव के पवन कुमार ने अदालत का रुख करते हुए आरोप लगाया था कि उनके भतीजों शुभ (4) और 2 साल के साकेत के जन्म प्रमाणपत्र गलत जन्म के वर्षो के साथ जारी किए गए.
एसएचओ तेजपाल सिंह ने कहा कि पवन ने आरोप लगाया था कि ग्राम विकास अधिकारी सुशील चंद अग्निहोत्री और ग्राम प्रधान प्रवीण मिश्रा ने प्रत्येक जन्म प्रमाण पत्र के लिए 500 रुपये की मांग की थी, जिसके लिए उन्होंने दो महीने पहले ऑनलाइन आवेदन किया था.
जब उन्होंने रिश्वत देने से इनकार कर दिया, तो परिवार को परेशान करने के लिए जन्म के वर्ष का गलत उल्लेख किया गया.
एसएचओ ने कहा कि उन्हें अदालत के आदेश की एक प्रति मिली है और उसी के अनुसार कार्रवाई की जा रही है.
Source : IANS