शहरों में आपने कईं बड़ी-बड़ी इमारतें देखी होंगी. यह इमारतें लोग करोबार के लिए तैयार करते हैं. बाद में उसे सेल आउट कर देते हैं. मगर अलीगढ़ में बनी 7 मंजिला इमारत को देखकर हर कोई खुश है. इसे देखकर हर कोई यह पूछ रहा कि इसे बनवाने वाला कौन है. उसका मालिक कौन है. इस शख्स से कैसे मुलाकात हो सकती है. इस इमारत को बनाने की दिलचस्प कहानी है. यह इमारत किसी ने अपने रहने के लिए नहीं तैयार की है, बल्कि अपने माता पिता की याद में तैयार करवाई है. पक्षियों के रहने के लिए बेहद खूबसूरत टाॅवर तैयार किया गया है. इस टाॅवर को तैयार करने में करीब 7 लाख रुपये की लागत लगी है. यह टाॅवर जंगल में बनकर तैयार हुआ है. इस टाॅवर में 512 फ्लैट मौजूद हैं. यह सात मंजिला इमारत है. इसमें पक्षी के लिए रहने की सुविधा होगी. फ्लैट निर्माण इस तरह हुआ है कि हर मौसम में पक्षियों की सुरक्षा को लेकर अनुकूल पर्यावरण होगा. पक्षियों के जीवन को बचाने के लिए यह पहल सराहनीय बताई जा रही है.
माताजी और पिताजी की याद में बनवाया गया था
पक्षियों के लिए फ्लैट के रूप में टाॅवर बनाने वाले गांव दुमेड़ी के देवकीनंदन शर्मा, रामनिवास शर्मा का कहना है कि उन्होंने अपने भाई रामहरि शर्मा, मुनेश शर्मा सभी की मदद से नवंबर 2021 में इसका निर्माण कराया था. ये अपनी माताजी और पिताजी की याद में बनवाया गया था. देवकीनंदन और रामनिवास के अनुसार, वे अपने माता पिता स्वर्गीय द्वारका प्रसाद व स्वर्गीय शांति देवी की पुण्यस्मृति में बेहरत कार्य करने की सोच रहे थे. उसी दौरान उनके ध्यान में आया कि उनका बहुत बड़ा आम और अमरुद का बाग था. यह काटा जा चुका था है. मगर उस बाग में निवास करने वाले तमाम पक्षी अब बेघर हो गए हैं.
राजस्थान के कुशल कारीगरों से संपर्क साधा
पर्यावरण को देखते हुए पक्षियों की घटती संख्या पर भी उन्होंने चिंता जताई थी. इसे लेकर उन्होंने अनूठी पहल की. परिवार से सहमति मिलने के बाद आसमान में बेघर उड़ रहे पक्षियों के लिए परिवार के सभी लोगों ने एक पक्षी घर बनाए जाने का संकल्प लिया. इसके लिए उन्होंने राजस्थान के कुशल कारीगरों से संपर्क साधा. कारीगरों की सलाह पर अपनी जमीन पर माता-पिता की पुण्य स्मृति में पक्षी घर नाम वाला 512 फ्लैट वाले 7 मंजिला टॉवर का निर्माण कराया. ऐसे में टाॅवर पर करीब 7 लाख रुपया का खर्च किया. रामनिवास शर्मा के अनुसार, प्रकृति का संतुलन बनाने के लिए यह कार्य जरूरी था. टाॅवर पर रोजना सैकड़ों की संख्या में पक्षी आते हैं.
HIGHLIGHTS
- टाॅवर को तैयार करने में करीब 7 लाख रुपये की लागत लगी
- हर मौसम में पक्षियों की सुरक्षा को लेकर अनुकूल पर्यावरण होगा