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मस्जिदों पर लाउडस्‍पीकर लगाना मौलिक अधिकार नहीं: इलाहाबाद HC

इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने मस्जिदों में लाउडस्पीकर से अज़ान को लेकर दाखिल अर्जी को ख़ारिज कर दिया है. हाई कोर्ट ने कहा कि लाउडस्पीकर से अज़ान देना मौलिक अधिकार नहीं है. कोर्ट ने यह भी कहा कि अज़ान इस्लाम का अभिन्न अंग है, लेकिन लाउडस्पीकर से अज़ान देना इस्लाम का हिस्सा नहीं है. हाई कोर्ट ने कहा कि...

Updated on: 06 May 2022, 11:45 AM

प्रयागराज:

इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने मस्जिदों में लाउडस्पीकर से अज़ान को लेकर दाखिल अर्जी को ख़ारिज कर दिया है. हाई कोर्ट ने कहा कि लाउडस्पीकर से अज़ान देना मौलिक अधिकार नहीं है. कोर्ट ने यह भी कहा कि अज़ान इस्लाम का अभिन्न अंग है, लेकिन लाउडस्पीकर से अज़ान देना इस्लाम का हिस्सा नहीं है. हाई कोर्ट ने कहा कि मस्जिद में लाउडस्पीकर (LoudSpeaker) लगाने पर कानूनन रोक है और ये संवैधानिक अधिकार के दायरे में नहीं आता है. इलाहाबाद हाई कोर्ट में जस्टिस विवेक कुमार बिरला और जस्टिस विकास की डिवीजन बेंच ने बुधवार को ये आदेश दिया. याचिका इरफान नाम के शख्स ने दाखिल की थी. याचिका में बदायूं जिले के बिसौली एसडीएम के 3 दिसंबर 2021 को दिए गए आदेश को चुनौती दी गई थी.

उत्तर प्रदेश में 54 हजार से ज्यादा मस्जिदों से लाउडस्पीकर को हटा लिया गया है और 60 हजार लाउडस्पीकर की आवाज कम कर दी गई है. इसके अलावा महाराष्ट्र में राज ठाकरे मस्जिदों पर लाउडस्पीकर के खिलाफ अभियान चला रहे हैं. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की भी गाइडलाइंस हैं. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के मुताबिक, रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए. 

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