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टेरर फंडिंग के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के खातों का इस्तेमाल! 50 लाख रुपये से अधिक का लेनदेन

देश में कहीं भी कोई आतंकी घटना हो या आतंक से जुड़ी कोई वारदात हो, बरेली में उसका लिंक जरूर होता है. इस बार हिन्दूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या के तार बरेली से जुड़े पाए गए, तो वहीं अब हवाला के जरिये टेरर फंडिंग का बड़ा मामला सामने आया है.

Updated on: 23 Oct 2019, 02:12 PM

बरेली:

देश में कहीं भी कोई आतंकी घटना हो या आतंक से जुड़ी कोई वारदात हो, बरेली में उसका लिंक जरूर होता है. इस बार हिन्दूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या के तार बरेली से जुड़े पाए गए, तो वहीं अब हवाला के जरिये टेरर फंडिंग का बड़ा मामला सामने आया है. इस बार प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए खोले गए खातों को टेरर फंडिंग के लिए इस्तेमाल किया गया है. यहां महिलाओं के खातों का इस्तेमाल हवाला के जरिये टेरर फंडिंग के लिए किया गया है. जिन लोगों के प्रधानमंत्री आवास योजना की सब्सिडी के ढाई लाख रुपये अकाउंट में आने के लिए खाते उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक और एसबीआई में खुलवाए गए, उनसे करीब 50 लाख का लेनदेन किया गया. 

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ये बात जब इन महिलाओं को पता चली तो इन लोगों ने खाता खुलवाने वाले लोगों से बात की. जिसके बाद उन लोगों ने इन सभी को मुंह बंद रखने की धमकी दी और पुलिस में शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी. आरोपियों ने इन खाताधारकों से कहा कि वो लोग विदेशों में लेनदेन करते हैं और उनकी पहुंच बहुत ऊपर तक है, लेकिन मीडिया में आ रही खबरों के बाद आज सभी लोग हिम्मत करके शिकायत करने कोतवाली पहुंचे. साथ ही मोहित नाम के युवक को भी पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया. खाताधारकों का कहना है कि वो लोग काफी गरीब हैं और किराये के मकान में रहते है. उनसे ये कहा गया था कि सभी को ढाई ढाई लाख रुपये दिए जाएंगे. 

इस मामले में जब उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक के मैनेजर से बात की गई तो उन्होंने कहा है कि उनकी बैंक में इस तरह के पांच एकाउंट खोले गए थे, जिनमें 5 लाख और 7 लाख का लेनदेन हुआ है. उनका कहना है कि इस बैंक में पूछताछ करने के लिए आईबी के अधिकारी आए थे और उन्होंने जो भी डिटेल मांगी वो उन्हें दे दी गई. इस मामले में कोतवाली में आई तहरीर के बाद एसपी सिटी अभिनंदन सिंह का कहना है कि एफआईआर दर्ज की जा रही है. मामले की छानबीन की जा रही है.

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एसपी सिटी के मुताबिक मामले की जांच अन्य एजेंसियां भी कर रही है. उनका कहना है कि अभी तक इस मामले में टेरर फंडिंग का लिंक नहीं मिला है. गौरतलब है कि एटीएस ने सिराजुद्दीन और फहीम को बरेली से गिरफ्तार किया था. इन दोनों की गिरफ्तारी से पहले एटीएस ने लखीमपुर से उम्मेद अली, एराज, समीर सलमानी और संजय अग्रवाल को गिरफ्तार किया था और इन लोगों की निशानदेही पर सिराजुद्दीन और फहीम को गिरफ्तार किया गया था.