डेंटल सर्जन (Dental Surgeon) के 535 पदों पर नियुक्ति के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) से जानकारी तलब की है. इलाहाबाद हाई कोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि लोक सेवा आयोग ने सीधी भर्ती के पदों पर लिखित परीक्षा लेकर नियुक्ति कर ली और लिखित परीक्षा के परिणाम से अभ्यर्थियों को अवगत भी नहीं कराया जा रहा. न्यायमूर्ति अजय भनोट ने नीतेश कुमार श्रीवास्तव व अन्य की याचिका पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से जानकारी तलब की.
याचिकाकर्ताओं की ओर से पक्ष रखते हुए एडवोकेट विभू राय ने कहा, लोक सेवा आयोग ने 2019 में डेंटल सर्जन के 535 पदों का विज्ञापन जारी किया था. सभी पद सीधे साक्षात्कार से भरे जाने थे लेकिन बाद में लिखित परीक्षा कराई गई. इसके बाद आयोग ने 422 नियुक्ति पत्र जारी किए. सूचना के अधिकार के तहत अभ्यर्थियों ने कट ऑफ मेरिट और लिखित परीक्षा में प्राप्त अंकों की जानकारी मांगी लेकिन आयोग ने ये सब जानकारी उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया.
अभ्यर्थियों की ओर से कहा जा रहा है कि एक साथ नियुक्ति पत्र जारी न कर बारी-बारी से जारी किए जा रहे हैं. इसके अलावा कोई वेटिंग लिस्ट नहीं बनाई गई है, जबकि ऐसा करना अनिवार्य है. अभ्यर्थियों को यह भी नहीं बताया जा रहा कि वे पास हुए हैं या फेल. इलाहाबाद हाई कोर्ट की पीठ ने लोक सेवा आयोग से इन सभी बिंदुओं पर जानकारी तलब की है.
Source : Manvendra Singh