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UP: लखनऊ में CAA विरोधी प्रदर्शन के दौरान महिला की मौत

क्लॉक टॉवर में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में प्रदर्शन कर रही एक महिला की यहां एक अस्पताल में हृदयाघात के कारण मौत हो गई. पिछले एक महीने में प्रदर्शनकारियों की मौत का यह दूसरा मामला है.

Updated on: 09 Mar 2020, 03:05 PM

लखनऊ:

क्लॉक टॉवर में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में प्रदर्शन कर रही एक महिला की यहां एक अस्पताल में हृदयाघात के कारण मौत हो गई. पिछले एक महीने में प्रदर्शनकारियों की मौत का यह दूसरा मामला है. बताया जा रहा है कि 55 वर्षीय फरीदा बारिश में भीगने के बाद बीमार हो गई थी, जिसके बाद उसे अस्पताल लाया गया था. रविवार को वहां उसकी मौत हो गई.

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एक और प्रदर्शनकारी, 20 वर्षीय तैयबा (बीए अंतिम वर्ष की छात्रा) की भी ऐसे ही हालात में 23 फरवरी को मौत हो गई थी. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बारिश में भीगने के बाद वह बीमारी हो गई थी. डालीगंज निवासी फरीदा, महिलाओं के उस पहले समूह में शामिल थीं, जिन्होंने जनवरी में पहली बार विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. एक अन्य प्रदर्शनकारी, 45 वर्षीय रुबीना बेगम ने कहा कि वह कई बार रात में भी क्लॉक टॉवर में रहती थीं.

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क्लॉक टॉवर पर टेंट लगाकर प्रदर्शन करने की दलीलें शासन द्वारा ठुकराए जाने के बाद, प्रदर्शनकारी खुले आसमान के नीचे बैठकर प्रदर्शन कर रहे थे. दो महीनों से यहां प्रदर्शन कर रहीं महिलाएं फरीदा की मौत से दुखी हैं. क्लॉक टॉवर पर सीएए के विरोध में प्रदर्शन 17 जनवरी को शुरू हुआ था, जो कि जिला प्रशासन के कड़े विरोध के बाद भी जारी है. समाजवादी पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने डालीगंज में फरीदा और तैयबा के घर का दौरा कर शोक व्यक्त किया. जूही सिंह के नेतृत्व में इस प्रतिनिधिमंडल ने दोनों शोक संतप्त परिवारों को दो-दो लाख रुपये के चेक भी दिए.

फरीदा को श्रद्धांजलि देने के लिए क्लॉक टॉवर पर महिलाओं ने विशेष प्रार्थना भी की. एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि वह यहां की नियमित स्वयंसेवक थी और इस प्रदर्शन में उन्होंने अहम भूमिका निभाई. फरीदा वह बहुत ऊर्जावान और बुद्धिमान थीं. यह आंदोलन उन जैसी महिलाओं के कारण ही अब तक जीवित है. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर रविवार शाम कई अन्य संगठन क्लॉक टॉवर पर इकट्ठा हुए और देश में महिलाओं की एकता और शक्ति की सराहना की.