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यूपी : प्राथमिक विद्यालय के बच्चे मिशनरी स्कूलों को दे रहे मात

उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालय के बच्चे कान्वेंट स्कूलों को मात दे रहे हैं. योगी सरकार की प्राथमिक स्कूल की शक्ल बदलने की मुहिम अब जमीन स्तर पर नजर आना शुरू हो गई है.

Updated on: 13 Apr 2021, 03:26 PM

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालय के बच्चे कान्वेंट स्कूलों को मात दे रहे हैं. योगी सरकार की प्राथमिक स्कूल की शक्ल बदलने की मुहिम अब जमीन स्तर पर नजर आना शुरू हो गई है. योगी सरकार ने छात्रों को बेहतर पढ़ाई के साथ हर तरह की सहूलियत देने के लिए हर बेहतर कदम उठा रही है. प्राथमिक स्कूल के बच्चे भी मिशनरी व कॉवेंट स्कूलों के बच्चों की तरह फरार्टेदार अंग्रेजी बोल सके. इसके लिए प्रदेश के कई स्कूलों को अंग्रेजी मीडियम बनाया गया है. जहां पढ़ कर बच्चे मिशनरी स्कूल के छात्रों को चुनौती दे रहे हैं.

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ऑपरेशन कायाकल्प के जरिए योगी सरकार ने जहां प्रदेश के 1.39 लाख परिषदीय विद्यालयों में छात्रों के लिए मूलभूत सुविधाओं को बढ़ाया, तो वहीं सैकड़ों स्कूलों को निजी स्कूलों से बेहतर बनाने का काम भी किया गया. स्मार्ट क्लास रूम, खेलने के लिए मैदान, लाइब्रेरी व बेहतर कक्षाओं के साथ हर तरह की सुविधा छात्रों की दी जा रही है. यूपी के डेढ़ लाख से अधिक प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में करीब 1.83 करोड़ छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं. सरकार की ओर से छात्रों को नि:शुल्क किताबों के साथ-साथ ड्रेस, बैग, जूता मोजे के साथ जाड़ों में ठंड से बचने के लिए स्वेटर दिया जाता है. स्कूलों में बेहतर पढ़ाई का महौल बनाने के लिए 1.39 लाख विद्यालयों का ऑपरेशन कायाकल्प के जरिए जीर्णोद्धार किया गया है. इसके अलावा प्रदेश के 15 हजार स्कूलों को अंग्रेजी मीडियम बनाया गया है. प्रदेश के 10 हजार प्राथमिक व 5 हजार उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को अंग्रेजी मीडियम से पढ़ाया जा रहा है.

प्रदेश सरकार के निर्देश पर प्रदेश के हर ब्लॉक में दो से तीन स्कूलों को अंग्रेजी मीडियम की तर्ज पर डेवलप किया गया है. इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का कोर्स भी इंग्लिश मीडियम का होता है. सरकार का मकसद है कि प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे भी मिशनरी स्कूलों के छात्रों की तरह अंग्रेजी में बात कर सके. इसके परिणाम भी सामने आने लगे हैं. शिक्षकों की लगन के बाद प्रदेश के प्राथमिक अंग्रेजी मीडियम के छात्र फरार्टेदार अंग्रेजी बोल रहे हैं.

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निदेशक बेसिक शिक्षा सर्वेन्द्र विक्रम सिंह बताते हैं कि प्रदेश के 15 हजार प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों को अंग्रेजी मीडियम स्कूल में डेलवप किया गया है. शिक्षकों की कड़ी मेहनत के चलते यहां के छात्र निजी स्कूलों के छात्रों का टक्कर दे रहे हैं.

बाराबंकी के प्राथमिक विद्यालय हीरपुर की शिक्षिका इंचार्ज वंदना श्रीवास्तव बताती हैं कि उनके स्कूल की गिनती ब्लॉक के सबसे बेहतर स्कूलों में होती है. इसके लिए उनको सरकार की ओर से सम्मान भी मिल चुका है. यहां पर बच्चों के लिए स्मार्ट क्लास, खूबसूरत कक्षाएं, लाइब्रेरी मौजूद हैं. सबसे खास बात ये है कि स्कूल के बच्चे अब अंग्रेजी में बात करते हैं. प्राथमिक विद्यालय को अंग्रेजी माध्यम से संचालित किया जा रहा है. अकेले लखनऊ में करीब 60 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों को अंग्रेजी मीडियम में डेवलप किया गया है.