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ई-रिक्शा चोरी के आरोप में UP पुलिस ने नाबालिग के पैरों को जूतों से कुचला, जांच के आदेश

लखनऊ पुलिस ने एक 14 वर्षीय लड़के को उठा लिया और नाबालिग द्वारा ई-रिक्शा चुराने का आरोप स्वीकार नहीं करने पर उसे थर्ड डिग्री टार्चर दिया.

Updated on: 29 Jun 2019, 04:38 PM

highlights

  • ई-रिक्शा चुराने का आरोप स्वीकार न करने पर पुलिस की बर्बरता
  • लड़के के पैर में चोट और सूजन की पुष्टि हुई है
  • एसएसपी लखनऊ ने दिए जांच के आदेश

नई दिल्ली:

लखनऊ पुलिस ने एक 14 वर्षीय लड़के को उठा लिया और नाबालिग द्वारा ई-रिक्शा चुराने का आरोप स्वीकार नहीं करने पर उसे थर्ड डिग्री टार्चर दिया. एसएसपी लखनऊ कलानिधि नैथानी ने सर्कल ऑफिसर तनु उपाध्याय से पुलिसकर्मियों पर लगे आरोपों की जांच करने को कहा है.

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रिपोर्टों के मुताबिक, अमरेश गौतम का ई-रिक्शा चोरी होने के बाद लड़के मनीष को तेलीबाग पुलिस ने पकड़ लिया था. मनीष कभी-कभार अपनी जरूरते पूरी करने के लिए रिक्शा चलाता था. उसके पिता एक दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते हैं.

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अमरेश गौतम द्वारा उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के बाद गुरुवार को मनीष को तेलीबाग चौकी ले जाया गया. उसे पीटा गया और पुलिस ने उसे यातना दी और चोरी स्वीकरा करने के लिए कहा. पुलिस ने उसके पैरों को जूते से कुचला.

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मनीष के परिवार ने तब एक सामाजिक कार्यकर्ता से संपर्क किया, जो शुक्रवार रात माता-पिता और पीड़ित को एसएसपी से मिलाने के लिए ले गया. लड़के की चिकित्सकीय जांच में पैरों पर सूजन और चोटों की पुष्टि हुई है. एसएसपी ने परिवार को आश्वासन दिया है कि जो भी जिम्मेदार पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.