UP Outsourcing: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की भर्ती से जुड़े नियमों में बदलाव कर दिया है, जिसके लिए सरकार ने आदेश भी जारी कर दिया है. नए नियमों के तहत अब राज्य के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक स्कूलों में आउटसोर्सिंग पर चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती के लिए अभ्यर्थी की शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल निर्धारित कर दी गई है.
अभी तक इन पदों पर भर्ती के लिए शैक्षिक योग्यता 12वीं पास हुआ करती थी. इसके साथ ही उम्मीदवारों की भर्ती उसी जिले में की जाएगी, जहां के वे रहने वाले होंगे. अन्य जिलों में उनकी भर्ती नहीं होगी. इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पारदर्शी ढंग से नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा. उत्तर प्रदेश के विशेष सचिव, माध्यमिक शिक्षा उमेश चंद्र ने आउटसोर्सिंग पर चतुर्थ श्रेणी के कर्मियों की भर्ती के लिए संशोधित शैक्षिक अर्हता समेत अन्य बदलाव के लिए शासनादेश जारी कर दिया.
अब 10वीं पास को मिलेगी नौकरी
बता दें कि 28 अक्टूबर 2022 को जारी शासनादेश के मुताबिक, अब तक इन पदों पर इंटरमीडिएट पास अभ्यर्थी को ही नियुक्त किया जाता था. लेकिन नए अब 10वीं पास युवा भी इन पदों के लिए आवेदन कर सकेंगे. इसके अलावा पुराने नियम के तहत अब तक प्रदेश के किसी भी जिले के विद्यालय में अभ्यर्थियों को आवेदन करने की छूट थी, लेकिन अब वह सिर्फ वह अपने जिले के विद्यालय में ही भर्ती के लिए आवेदन कर सकेंगे.
नए नियम से भर्ती के अवसर होंगे कम
हालांकि, योगी सरकार के नए नियमों के तहत अभ्यर्थियों के पास अब भर्ती के अवसर पहले से काफी कम होंगे. क्योंकि नए नियमों के तहत विभाग स्थानीय लोगों को ही भर्ती का अवसर प्रदान करेंगे. इसके साथ ही सफाई कर्मी समेत अन्य पदों पर निर्धारित मानदेय भी उतना नहीं है जितना दूसरे जिले में रहकर कर्मचारियों को मिलता है. हालांकि, स्थानीय लोगों को भर्ती में वरीयता देने से कर्मचारी अपने घर के पास ही आसानी से नौकरी कर सकेंगे.
16-18 हजार रुपये प्रति माह मिलता है वेतन
योगी सरकार ने अपने नौवें बजट में एक बड़ा निर्णय लिया. जिसके तहत सरकार ने आउटसोर्स कर्मियों का न्यूनतम पारिश्रमिक 16 हजार से बढ़ाकर 18 हजार रुपये तक करने का एलान किया. अभी तक उन्हें सिर्फ 8-10 हजार रुपये प्रति माह मिलते थे. इसकी प्रक्रिया को सुनियोजित और पारदर्शी बनाने के लिए राज्य सरकार आउटसोर्स सेवा निगम का गठन भी कर रही है.