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योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए पेश अनुपूरक बजट में चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण को बड़ी प्राथमिकता दी है। प्रदेश में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को को सुदृढ़ करने, नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना, सुपर स्पेशियलिटी सेवाओं के विस्तार और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से कुल 423.80 करोड़ रुपए की धनराशि का आवंटन किया गया है। यह बजट आवंटन प्रदेश के स्वास्थ्य तंत्र को मजबूती देने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
1.74 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बजट दिया
योगी सरकार ने अनुपूरक बजट में प्रदेश के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों को वेतन अनुदान, गैर-वेतन अनुदान, व्यावसायिक एवं विशेष सेवाओं तथा विभिन्न मदों के लिए अतिरिक्त धनराशि दी है। सीतापुर स्थित नेहरू इंस्टिट्यूट ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी एंड रिसर्च को वेतन अनुदान के लिए 1.74 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बजट दिया है। वहीं कैंसर संस्थान लखनऊ को विभिन्न मदों के लिए 10 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट दिया है। लखनऊ के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों पर भी सरकार का विशेष फोकस रहा है। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) लखनऊ को विभिन्न मदों के लिए अलग-अलग प्रस्तावों के तहत 120 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आवश्यकता को बजट में शामिल किया गया है।
20 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि स्वीकृत की गई
इसके अलावा, सेंटर ऑफ बायोमेडिकल रिसर्च, लखनऊ को वेतन अनुदान के लिए 1 करोड़ रुपए दिए गए हैं। डॉ. राम मनोहर लोहिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, गोमतीनगर को भी वेतन अनुदान के लिए 20 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि स्वीकृत की गई है। वहीं, किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) को वेतन अनुदान के लिए 25 करोड़ रुपए दिए गए हैं।
10 करोड़ रुपए की अतिरिक्त व्यवस्था की गई
योगी सरकार ने सरकार ने गंभीर और दीर्घकालिक रोगों के उपचार पर भी ध्यान दिया है। हीमोफीलिया रोग की निशुल्क चिकित्सा सुविधा के तहत औषधि और रसायनों की खरीद के लिए 10 करोड़ रुपए की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है, जिससे हजारों मरीजों को राहत मिलने की उम्मीद है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेजों को भी बड़ी धनराशि आवंटित की गई है।
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