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अखिलेश ने किया मुलायम समर्थक विधायक हरिओम यादव को पार्टी से निष्कासित

पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने होने के कारण समाजवादी पार्टी विधायक हरिओम यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासि

Updated on: 16 Feb 2021, 09:20 AM

highlights

  • अखिलेश विरोधी खेमे के विधायक
  • मुलायम और शिवपाल के करीबी

लखनऊ:

अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव (UP Assembly elections 2022) और इसी साल होने वाले पंचायत चुनावों के चलते  उत्तर प्रदेश में राजनीतिक हलचलें तेज होती जा रही हैं।  ताजा खबर आई है समाजवादी पार्टी के फिरोजाबाद  जिले की सिरसागंज सीट से सपा के विधायक और मुलायम सिंह यादव के रिश्तेदार हरिओम सिंह यादव को पार्टी गतिविधियों के कारण छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। किसी जमाने में सपा का झंडा बुलंद करने वाले मुलायम सिंह यादव के रिश्तेदार सिरसागंज विधायक हरीओम सिंह यादव पर काफी दिनों से पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप लग रहे थे। फिरोजाबाद  जिले के सपा नेताओं उनके खिलाफ एकजुट होकर पार्टी से निष्कासित किए जाने की मांग हाईकमान से की थी। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर यह कार्रवाई पार्टी ने की है।

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सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने विधायक के बेटे विजय प्रताप को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने का आरोप लगाते हुए पहले ही पार्टी से बाहर कर दिया था। वर्तमान में हरीओम सिंह यादव को शिवपाल सिंह यादव के खेमे का माना जाता है।

बीते माह प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने फिरोजाबाद  जिले की तीन सीटों के लिए प्रत्याशी घोषित किए थे। उन्होंने सिरसागंज से सपा विधायक हरिओम सिंह यादव को प्रसपा की ओर से प्रत्याशी घोषित किया है। लोकसभा चुनाव के पहले से शिवपाल यादव के साथ चल रहे सपा विधायक हरिओम यादव ने कहा था कि वह शिवपाल सिंह के साथ हैं। सपा छोड़ने और सपा की टिकट पर चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा था कि मैं पार्टी क्यों छोडूंगा। सपा जब चुनाव लड़ने की कहेगी, तब की तब देखी जाएगी। हालांकि अब उनको पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।

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दरअसल, फिरोजाबाद  में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान हरिओम सिंह यादव और उनके विजय प्रताप पुत्र के विरुद्ध जान से मारने के प्रयास के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष बने विजय प्रताप के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव आ गया, जिसमें जिला पंचायत सदस्यों ने अध्यक्ष के विरोध में डीएम को पत्र सौंपा था। उसी दौरान पिता-पुत्र को जेल जाना पड़ा था।

अखिलेश का विरोधी होने का भुगता खामियाजा
 पिछले वर्ष नवंबर में हुए उपचुनाव के दौरान फ‍िरोजाबाद की टूंडला सीट से सपा उम्‍मीदवार की हार के बाद हरिओम सिंह यादव ने अखिलेश यादव समेत पार्टी के नेताओं के खिलाफ कथित बिगड़े बयान दिए थे. हरिओम सिंह यादव ने कहा था, कि समाजवादी पार्टी टूंडला सीट इसलिए हार का सामना करना पड़ा है.क्‍योंकि स्‍थानीय नेताओं से लेकर अखिलेश यादव तक ने सही समय पर मदद नहीं की।

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हरिओम यादव को मुलायम सिंह यादव के परिवार का करीबी माना जाता रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हरिओम यादव मुलायम और शिवपाल के जमाने में सपाई है।  पार्टी में मुलायम सिंह की चलती खत्म होने के बाद से ही हरिओम सिंह यादव के बोल बिगड़ने शुरु हो गए, और पार्टी विरोधी बयान भी उनके तरफ से आने लगे हैं।जिसपर अखिलेश यादव ने कर्रवाई के निर्देश दिए।