उत्तर प्रदेश के सभी धार्मिक स्थानों पर मंगलवार से लाउडस्पीकर हटाने का काम शुरू हो जाएगा। यूपी पुलिस उन सभी स्थानों से लाउडस्पीकर हटाएगी जहां इसे लगाने के आदेश नहीं है।
बता दें कि बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए यूपी सरकार और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सभी धार्मिक स्थानों से लाउडस्पीकर हटाने का निर्देश दिया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने इस मामले में ध्वनिप्रदूषण (अधिनियम और नियंत्रण) नियम 2000 का हवाला देते हुए ये आदेश दिया था।
जिसके बाद राज्य सरकार ने यूपी पुलिस को सार्वजनिक, धार्मिक और अन्य स्थानों पर से लाउडस्पीकर को हटाने का आदेश दिया है। यूपी में अब केवल उन स्थानों पर ही लाउडस्पीकर लगे रहेंगे जिसके लिए प्रशासन से आदेश लिया गया हो।
प्रमुख सचिव (गृह) अरविंद कुमार के मुताबिक, 'ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) के प्रावधानों का कड़ाई से अनुपालन करने के संबंध में हाईकोर्ट के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने इस संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए हैं।'
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हाईकोर्ट ने सार्वजनिक स्थलों पर बज रहे लाउडस्पीकरों पर नाराजगी जताई थी और राज्य सरकार से पूछा था कि क्या प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों, मस्जिदों, मंदिरों, गुरुद्वारों या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लगे लाउडस्पीकर संबंधित अधिकारियों से इजाजत लेने के बाद लगाए गए हैं?
प्राधिकरण ने ज़िलाधिकारी (डीएम) को ये भी आदेश दिया है कि वह इलाक़ों के अलग-अलग श्रेणी में बांटे, जैसे कि औद्योगिक क्षेत्र, व्यावसायिक क्षेत्र, आवासीय क्षेत्र और आवाज-निषिद्ध क्षेत्र। उसके बाद श्रेणी के हिसाब से ये तय किया जाएगा कि कहां पर कितने लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति दी जाए।
इस आदेश का उल्लंघन करने वाले को 5 साल जेल और 1 लाख़ का जुर्माना किया जाएगा। इतना ही नहीं अगर किसी अधिकारी द्वारा इसे लागू करने में ढीलाई बरती गई तो उस के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी।
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Source : News Nation Bureau