UP Local Body Election: हाई कोर्ट सुनाएगा 27 दिसंबर को बड़ा फैसला
UP Local Body Election 2022: यूपी निकाय चुनाव को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में शनिवार को भी सुनवाई हुई. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. निर्णय 27 दिसंबर को सुनाया जाएगा. निकाय चुनाव में...
highlights
- यूपी निकाय चुनाव पर सबकी नजर
- ओबीसी आरक्षण को लेकर फंसा है पेंच
- हाई कोर्ट के फैसले के बाद साफ होगी तस्वीर
नई दिल्ली:
UP Local Body Election 2022: यूपी निकाय चुनाव को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में शनिवार को भी सुनवाई हुई. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. निर्णय 27 दिसंबर को सुनाया जाएगा. निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण लागू किए जाने के मामले में इस दौरान याची पक्ष व सरकारी पक्ष के वकील ने दलीलें दी. निकाय चुनाव में रिजर्वेशन को लेकर शुरू हुई सुनवाई में सबसे पहले याचिकाकर्ता की वकील एलपी मिश्रा ने अपना पक्ष रखा. वकील ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण जो किया गया है वह राजनीतिक रिपोर्ट के आधार पर तैयार की गई है. एक डेडीकेशन कमीशन बनाया जाए जो आरक्षण को लेकर फैसला करे. मौजूदा आरक्षण प्रणाली से पिछड़ा वर्ग के साथ न्याय नहीं हो रहा है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पढ़कर सुनाया
याचिकाकर्ता की वकील ने सुरेश महाजन बनाम मध्य प्रदेश सरकार-2021 केस में सुप्रीम कोर्ट का आदेश विस्तार से पढ़कर जज के सामने सुनाया. जज ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पढ़ने के बाद आगे की सुनवाई शुरू की. सरकारी वकील ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उनका रैपिड सर्वे डेडीकेटेड आयोग द्वारा किए गए ट्रिपल टेस्ट जैसा ही है. याचिकाकर्ता के पक्ष पर सरकारी वकील ने कहा कि महिला आरक्षण को होरिजेंटल आरक्षण बताया गया.
राज्य सरकार ने दी है ये दलील
बता दें कि शुक्रवार को समय की कमी के कारण सुनवाई पूरी नहीं हो सकी थी. न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ में बीते बुधवार को सुनवाई के दौरान याचियों की ओर से दलील दी गई थी कि निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण एक प्रकार का राजनीतिक आरक्षण है. ओबीसी आरक्षण तय किए जाने से पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई व्यवस्था के तहत डेडिकेटेड कमेटी द्वारा ट्रिपल टेस्ट कराना अनिवार्य है. वहीं, राज्य सरकार ने हलफनामे में कहा है कि स्थानीय निकाय चुनाव मामले में 2017 में हुए ओबीसी के सर्वे को आरक्षण का आधार माना जाए.
अखिलेश यादव ने कही ये बात
इटावा में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने निकाय चुनाव के मामले को लेकर बड़ा बयान दिया है. हाईकोर्ट कोर्ट में इस मामले की सुनवाई को लेकर उन्होंने कहा जो फैसला कोर्ट के अंदर है मुझे विश्वास है कि न्याय मिलेगा. सरकार को किसी पर आरोप नही लगाना चाहिए क्योंकि मामला कोर्ट में है. अगर आरक्षण को लेकर किसी ने सवाल खड़ा किया है तो यह सरकार की जिम्मेदारी है. आरक्षण को लेकर किसी के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए. यह हमारा संविधान कहता है बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी ने जो संविधान दिया है. और जो पूर्व में जो आरक्षण की व्यवस्था दी थी उससे किसी को खिलवाड़ नहीं करना चाहिए. सरकार ने क्यों खिलवाड़ किया यह बड़ा सवाल है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Viral Videos: आलिया-रणबीर से लेकर ऋतिक-सबा तक, स्टार स्टडेड डिनर में शामिल हुए ये सितारे
-
Bipasha Basu-Karan Singh Grover: शादी के 8 साल बाद भी एक-दूजे को बेहद चाहते हैं बिपाशा और करण, इंस्टा पर दिया प्यार का सबूत
-
Deepika Chikhlia Net Worth: हर मामले में राम जी से आगे रहीं सीता मां, राजनीति से लेकर संपत्ति तक दी टक्कर, जानें नेटवर्थ
धर्म-कर्म
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
Premanand Ji Maharaj : प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Aaj Ka Panchang 29 April 2024: क्या है 29 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Arthik Weekly Rashifal: इस हफ्ते इन राशियों पर मां लक्ष्मी रहेंगी मेहरबान, खूब कमाएंगे पैसा