बाबरी मस्जिद विध्वंस की 25वीं बरसी के मद्देनज़र जिले में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। खास कर विवादित जमीन के आस-पास प्रशासन ने चौकसी बढ़ा दी है।
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार बनने के बाद से ही राम की नगरी अयोध्या लगातार सुर्खियों में है। बरसी पर किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने के लिये केंद्र सरकार ने राज्य को सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए अलर्ट रहने की सलाह दी है।
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले पर सुनवाई भी हुई जिसके बाद कोर्ट ने 8 फरवरी से लगातार सुनवाई करेगा।
अधिकारियों के मुताबिक सोमवार से ही सतर्कता के लिए पूरे नगर में सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। शहर भर में भारी संख्या में तैनात पुलिस बल के साथ अयोध्या के विभिन्न होटलों, धर्मशालाओं और लॉज की सघन तलाशी भी ली जा रही है।
फैज़ाबाद और अयोध्या में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद् 'शौर्य दिवस' मनाने की योजना बना रही है, वहीं कुछ मुस्लिम संगठन 'यौम ए गम' यानि दुख का दिन के तौर पर मना रहे हैं।
प्रशासन ने यहां पर दोनों समुदायों के बीच किसी भी तरह की झड़प रोकने के लिये काफी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की है। राज्य पुलिस के अलावा यहां पर सीआरपीएफ और आरएएफ के जवानों की तैनाती की है।
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अयोध्या क्षेत्राधिकारी ने नेतृत्व में पुलिस ने नयाघाट से लेकर टेढ़ी बाजार में चेकिंग अभियान चलाया और वहां चलने वाली सभी दो पहिया और चार पहिया वाहनों की तलाशी ली। इस बीच रेलवे स्टेशनों पर घूम रहे संदिग्धों पर भी नजर रखी जा रही है।
अयोध्या क्षेत्राधिकारी राजकुमार राव ने बताया कि छह दिसंबर को बाबरी विध्वंस की बरसी है इसलिए संदिग्ध गाड़ियों और लोगों पर नजर रखने के लिए शहर को हाई अलर्ट जोन में तब्दील किया गया है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
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Source : News Nation Bureau