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न्यूज नेशन से बोले यूपी के स्वास्थ्य मंत्री- जिला स्तर पर चल रही तीसरी वेव से निपटने की तैयारी 

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बच्चों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ा आधारभूत इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है. बच्चों के लिए आईसीयू बेड और अन्य इंतजाम भी जिला स्तर पर किए जा रहे हैं.

Updated on: 10 May 2021, 05:04 PM

highlights

  • स्वास्थ्य मंत्री से न्यूज नेशन की बातचीत
  • जिला स्तर पर तीसरी वेव की तैयारी चल रही
  • स्वास्थ्य मंत्री बोले- चुनाव के कारण नहीं फैला कोरोना

लखनऊ:

कोरोना की दूसरी लहर से उत्तर प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ है. प्रदेश में हर रोज हजारों की संख्या में नए संक्रमित सामने आने से स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल हो चुका है. इस बीच यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप से न्यूज नेशन ने खास बातचीत की. न्यूज नेशन से बात करते हुए स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप ने माना कि प्रदेश में वैक्सीन की कमी है. उन्होंने कहा कि अभी राज्य में वैक्सीन की कमी है इसलिए 18 साल से अधिक आयु वर्ग का टीकाकरण पूरे राज्य में एक साथ शुरू नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि अभी चरणबद्ध तरीके से 18 जिलों में वैक्सीनेशन शुरू हुआ है. धीरे-धीरे इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा.

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स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि यूपी सरकार 21 मई को वैक्सीन का ग्लोबल टेंडर जारी करेगी. इसमें अंतर्राष्ट्रीय और स्वदेशी कंपनियों से लाखों टीके की खरीद का प्री ऑर्डर दिया जाएगा. न्यूज नेशन से बातचीत में जय प्रताप ने माना कि प्रदेश में अभी टेस्टिंग की भी समस्या है. उन्होंने कहा कि शहरी इलाकों में आरटी पीसीआर और ग्रामीण क्षेत्रों में रैपिड एंटीजन टेस्टिंग का सहारा लिया जा रहा है. उन्होंने इस दौरान नोएडा में भी टेस्टिंग की डिमांड बढ़ाने की बात कही.

ट्रीटमेंट को लेकर भी समस्या

जय प्रताप ने कहा कि पिछले वर्ष पीएम केयर्स फंड से खरीदे गए वेंटिलेटर खराब हैं. जिन्हें सही कराया जा रहा है. इसके अलावा जल्दी से जल्दी टेक्नीशियन और पैरामेडिकल स्टॉफ की नियुक्ति जा रही है. उन्होंने उम्मीद जताई कि अंतरराष्ट्रीय मदद से वेंटिलेटर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मिलेंगे. 

जिला स्तर पर तीसरी वेव की तैयारी 

कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बच्चों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ा आधारभूत इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है. बच्चों के लिए आईसीयू बेड और अन्य इंतजाम भी जिला स्तर पर किए जा रहे हैं, क्योंकि विशेषज्ञों की राय है कि तीसरी लहर का असर बच्चों पर ज्यादा दिखेगा.

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के 30 से ज्यादा शिक्षकों की अब तक कोविड संक्रमण से मौत हो चुकी है. जान गंवाने वाले लोगों में रिटायर्ड शिक्षकों से लेकर स्टाफ तक के लोग शामिल हैं. इस मामले में जय प्रताप ने कहा कि यूनीवर्सिटी से सैंपल कलेक्ट करके उनको टेस्टिंग लैब भेजा गया है, लेकिन अभी सभी तरह की म्यूटेशन के लिए नेशनल प्रोटोकॉल के तहत ही ट्रीटमेंट किया जा रहा है.

लंबा नहीं चलेगा लॉकडाउन 

स्वास्थ्य मंत्री ने इस दौरान कहा कि संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन काफी जरूरी हो गया था. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का असर अब दिखने लगा है राज्य में संक्रमितों की संख्या में तेजी से कमी आ रही है. उन्होंने कहा कि ये लॉकडाउन ज्यादा लंबा नहीं चलेगा, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है. उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर दक्षिण भारत से शुरू होती नजर आ रही है. अभी नहीं मान सकते कि उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण का पीक आ गया भले ही बीते कुछ दिनों से नए मामलों में कमी देखने को मिल रही है. 

उन्होंने बताया कि एंटीबॉडी कॉकटेल, डीआरडीओ मेडिसन समेत नए इलाज की मंजूरी मिलने के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी जल्द ही शुरू किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि जब तक दिल्ली में मामले अधिक हैं तब तक एनसीआर से लगे हुए गाजियाबाद और गौतम बुध नगर जिलों को सुरक्षित नहीं माना जा सकता. इसी आधार पर आज मैंने जिले का सर्वे किया है, टेस्टिंग पहले की तुलना में ज्यादा बढ़ाई जाएगी.

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चुनाव के कारण नहीं फैला कोरोना

चुनाव के कारण कोरोना फैलने के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ये गलत बाते हैं. उन्होंने कहा कि महामारी पर राजनीति बंद हो. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में चुनाव नहीं थे फिर भी वहां कोरोना बढ़ा. बंगाल के हालात के पीछे बीजेपी, चुनाव या उत्तर प्रदेश के नागरिक जिम्मेदार नहीं हैं. उन्होंने सभी से वैक्सीन लगवाने की अपील की.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि नॉन कोविड मरीजों की परेशानी को हम समझते हैं, जिला स्तर पर दूसरी बीमारियों के इलाज की व्यवस्था की जा रही है. इसके लिए डीआरडीओ की मदद ली गई है. अर्ध सैनिक और सेना की मदद पर अभी मंथन नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि प्रदेश को ऑक्सीजन आवश्यकता से काफी कम मिल रही है. भले ही केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश की डिमांड के आधार पर इसमें वृद्धि की है. अस्पतालों में ऑक्सीजन अब पहले से बेहतर तरीके से पहुंचाई जा रही है, लेकिन होम आइसोलेशन में ऑक्सीजन की समस्या है डिमांड पूर्ति से कहीं ज्यादा है.