चैत्र नवरात्रि के अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला किया है. सरकार के फैसले के अनुसार, छह अप्रैल तक धार्मिक स्थलों के 500 मीटर के दायरे में संचालित अवैध बूचड़खानों और मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है. साथ ही रामनवमी के दिन राज्य में कहीं भी पशु का वध और मांस की बिक्री नहीं होगी. सरकार ने इस पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया है.
योगी सरकार ने गठित की जिला स्तरीय समिति
योगी सरकार ने आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के लिए जिला स्तरीय समितियों का भी गठन किया है. समिति में पुुलिस, स्वास्थ्य, पशुपाल, परिवहन, स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी शामिल हैं. सरकार ने चेतावनी दी है कि आदेश का उल्लंघन करने वाले लोगों पर यूपी नगर निगम अधिनियम और खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
2014 और 2017 में जारी हुए आदेशों का हवाला देते हुए योगी सरकार ने साफ किया कि धार्मिक स्थलों के पास अवैध पशुओं के वध और मांस की बिक्री पर सख्त प्रतिबंध है.
कलेक्टर-एसपी को दिए ये निर्देश
नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने सभी कलेक्टरों, पुलिस कमिश्नरों, पुलिस अधीक्षकों और नगर आयुक्तों को आदेश दिया है कि वे अवैध बूचड़खानों को तत्काल रूप से बंद करें और धार्मिक स्थलों के पास मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाए जाएं.
महाराष्ट्र में भी रोक लगाने की मांग
नवरात्रि में मांस की बिक्री पर रोक लगाने की मांग महाराष्ट्र से भी उठी है. शिवसेना नेता संजय निरुपम ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि देवी मां का आगमन हो रहा है. हिंदू समुदाय के लोग व्रत रखेंगे. पूरे प्रदेश में माता की स्थापना होगी. यज्ञ होंगे, हवन होंगे ऐसे में सड़कों पर खुले में बिक रहे मीट-मछली पर रोक लगाई जाए. नवरात्रि में मास-मछली देखना हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करती है.
निरुपम ने साफ किया कि अगर कोई भी रेस्टोरेंट चारदीवारी के अंदर नॉनवेज बेचता है तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन सड़कों पर बिकने वाले मांस पर नवरात्रि के दौरान रोक लगाई जानी चाहिए.
दिल्ली में भी रोक लगाने की मांग
ऐसी ही मांग दिल्ली में भी उठी है. दिल्ली के भाजपा विधायक रविंद्र सिंह नेगी और करनैल सिंह ने भी मास-मछली सहित नॉनवेज की अन्य दुकानों को बंद करने के लिए आवाज उठाई है. विधायकों ने विधानसभा में सरकार से प्रतिबंध लगाने की मांग की है.